Argentina: अमेरिका के बाद अर्जेंटीना भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) बाहर होगा. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने डब्ल्यूएचओ के साथ मतभेदों के वजह से संयुक्त राष्ट्र एजेंसी से अपने देश के हटने का आदेश दिया है. इसकी जानकारी अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने दी है.
राष्ट्रपति जेवियर माइली का फैसला उनके सहयोगी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्णय से मेल खाता है. ट्रंप ने पदभार ग्रहण करने के पहले ही दिन एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर कर अमेरिका को WHO से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. अब अर्जेंटीना भी इस संगठन का हिस्सा नहीं रहेगा.
सहयोग हो जाएगा कम
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन से एक और सदस्य देश के चले जाने से वैश्विक स्वास्थ्य में सहयोग और अधिक कम हो जाएगा. हालांकि, डब्ल्यूएचओ को 2024-2025 के लिए अनुमानित 6.9 अरब डॉलर बजट में से अर्जेंटीना से केवल करीब 80 लाख अमेरिकी डॉलर मिलने की अपेक्षा की थी.
इस वजह से बाहर हो रहा अर्जेंटीना
अर्जेंटीना के प्रवक्ता मैनुअल एडोर्नी ने ब्यूनस आयर्स में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश का निर्णय ‘‘खासकर (कोविड-19) महामारी के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधन में गहरे मतभेदों पर बेस्ड है.’’ उन्होंने कहा कि उस समय डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के वजह से मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ा बंद हुआ.
कब लागू होगा निर्णय
हालांकि मैनुअल एडोर्नी ने यह नहीं बताया कि यह निर्णय कब लागू होगा. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा कि कुछ देशों के राजनीतिक प्रभाव के वजह से डब्ल्यूएचओ की स्वतंत्रता में कमी आई है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन एकमात्र ऐसा संगठन है जिसे गंभीर स्वास्थ्य संकटों, खासतौर से नई बीमारियों के प्रकोप और इबोला, एड्स एवं मंकी पॉक्स समेत मौजूदा स्वास्थ्य खतरों के प्रति वैश्विक प्रतिक्रियाओं के समन्वय का अधिकार दिया गया है. वहीं डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वह अर्जेंटीना के ऐलान पर विचार कर रहा है.
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