पानी वाली दुनिया से अलग हुआ एस्टेरॉइड बेन्नू! नई स्टडी में बड़ा खुलासा, नासा भी हैरान

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Asteroid Bennu: अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. नासा द्वारा उल्‍कपिंड बेन्नू से लाए गए सैंपल के प्रारंभिक विश्‍लेषण में बड़ा रहस्‍य उजागर हुआ है.  वैज्ञानिकों को जानकारी मिली है कि इस उल्कापिंड का अतीत अप्रत्याशित रूप से पानी से भरा था. ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि यह उल्कापिंड किसी समुद्री ग्रह से अलग हो गया होगा.

मिला पानी का तत्व

मौसम विज्ञान और ग्रह विज्ञान पत्रिका में बुधवार को प्रकाशित शोध में विस्‍तृत जानकारी दी गई है. नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में वैज्ञानिक और शोध के सह लेखक जेसन ड्वॉर्किन ने बताया कि ‘OSIRIS-REx प्रोजेक्ट से हमें जो उम्मीद थी, वही मिला है. उन्होंने कहा कि उल्‍कापिंड बेन्नू के नमूने में मैग्नीशियम-सोडियम फॉस्फेट का पाया जाना सबसे बड़ा आश्चर्य था. इसके बारे में रिमोट सेंसिंग ने तब जानकारी दी थी जब OSIRIS-REx बेन्नू उल्कापिंड की परिक्रमा कर रहा था.

कहां से आया बेन्नू

वैज्ञानिकों ने जानकारी दी कि मैग्नीशियम-सोडियम फॉस्फेट एक यौगिक है, जो पानी में घुलनशील है. यह तत्व जीवन के लिए जैव रसायन के एक घटक के तौर पर कार्य करता है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह बेन्नू उल्कापिंड किसी छोटे महासागर वाली दुनिया से टूटा गया होगा और वह महासागर वाली दुनिया अब हमारे सौर मंडल में नहीं है.

पृथ्वी के करीब है उल्‍कापिंड बेन्नू

बता दें कि नासा ने OSIRIS-REx मिशन के तहत साल 2020 में एस्टेरॉयड बेन्नू से 121.6 ग्राम का नमूना लिया था. पिछले साल सितंबर में यह सैंपल पृथ्वी पर पहुंचा, जिसके बाद से वैज्ञानिक इसपर रिसर्च कर रहे हैं.  मौसम विज्ञान और ग्रह विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित शोध से पता चला है कि उल्‍कापिंड बेन्नू पृथ्वी के करीब है. इसका सैंपल धरती पर आने के बाद वैज्ञानिक इसकी चट्टाओं और धूल का एनालिसिस करने में लगे हैं. वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उल्कापिंड के सैंपल में कौन-कौन से तत्व मौजूद हैं, इसमें क्‍या रहस्‍य छिपा है, क्या इसपर जीवन के तत्व है? हमेशा से ही उल्कापिंड वैज्ञानिकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं, क्योंकि ये सौरमंडल के निर्माण के समय से ही बचे हुए अवशेष हैं.

उल्कापिंड पर पाए गए ये तत्‍व

अक्टूबर में शेयर किए गए कुछ नमूनों की शुरुआती समीक्षा से जानकारी मिली थी कि बेन्‍नू में बड़ी मात्रा में कार्बन था. वैज्ञानिकों के विश्लेषण के दौरान टीम ने पाया कि बेन्नू की धूल में कार्बन, नाइट्रोजन और कार्बनिक यौगिक जैसे तत्व हैं. ये तत्व सौरमंडल के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो ये तत्‍व जीवन के लिए भी अहम हैं. वैज्ञानिक अब इसकी जानकारी हासिल करने में लगे हैं कि आखिर पृथ्वी जैसे ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ?

ये भी पढ़ें :- Pakistan Taliban War: पाकिस्तान को तालिबान की सीधी चेतावनी, कभी भी हो सकती बारूदों की बारिश…!

,

More Articles Like This

Exit mobile version