Attack on Chinese Engineers: पाकिस्तान के खैबरपख्तूनख्वा प्रांत में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हुए हमले के बाद से ही ड्रैगन नाराज चल रहा है. दरअसल, पाकिस्तान में हुए उस आत्मघाती हमले में 5 चीनी इंजीनियरों समेत एक पाकिस्तानी ड्राइवर की मौत हुई थी. ऐसे में पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान में बैठे टीटीपी के आतंकियों ने ये हमला कराया था. वहीं, दूसरी ओर चीन पाकिस्तान पर अपने इंजीनियरों की सुरक्षा का दबाव बना रहा है.
इसी बीच गुरूवार को पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल तालिबानी अफगानिस्तान पहुंचा.इस दौरान राजधानी काबुल में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान की ओर से चीनी इंजीनियरों पर हुए हमले का मुद्दा उठाते हुए ‘सुरक्षा सहयोग’ की मांग की गई.
अफगानिस्तान पर आरोप लगाना बंद करे पाकिस्तान
हालांकि पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी पहले ही कह चुके है कि इस हमले की योजना अफगानिस्तान में बनी है. उन्होंने अफगानिस्तान सरकार से आरोपियों को सौंपने की मांग की थी. जबकि तालिबानी सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. इसके साथ ही मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान अपनी नाकामी छुपाने के लिए अफगानिस्तान पर आरोप लगाना बंद करे.
काबुल में पहुंचा पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई बैठक की जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने चीनी इंजीनियरों पर हुए हमले में अपराधियों को पकड़ने में अफगानिस्तान से सहायता मांगी है. ऐसे में तालिबान ने कहा कि वह आतंकी गतिविधियों के लिए किसी भी देश के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा.
आतंकी हमले की जांच करेगा अफगानिस्तान
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने आगे बताया कि इस हमले की जांच के लिए अफगानिस्तान सहमत हो गया है. दरअसल, पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों पर हुए हमले के बाद ड्रैगन काफी नाराज था. इस दौरान उसने अपराधियों को पकड़ने और उनपर कार्रवाई के लिए कहा था. लेकिन इस मामले में पाकिस्तान अभी तक कुछ नहीं कर पाया है. वहीं, हाल ही में पाकिस्तान ने अपने एक बयान में कहा है कि चीनी इंजीनियरों पर हमला करने वाला शख्स अफगान नागरिक था.
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