Britain: रेसिस्ट असली मुद्दा नहीं, बल्कि…. UK में मुस्लिमों पर हमलों को लेकर बोले बैरिस्टर हामिद बशानी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Attack On Muslims In Britain: इन दिनों बांग्लादेश के साथ ही ब्रिटेन भी हिंसा के दौर से गुजर रहा है. इसी बीच कमर चीमा ने अपने एक शो के दौरान कहा कि ब्रिटेन में मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है, उनके खिलाफ पूरा देश खड़ा है. इतना ही नहीं उन्‍हें वहां दहशतगर्द कहकर संबोधित किया जा रहा है. ब्रिटेन में पिछले 13 सालों के बाद इतने व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस मामले को लेकर उन्होंने बैरिस्टर हामिद बशानी से भी बात की.

जिसे लेकर हामिद बशानी ने कहा कि “इस तरह के मामले अक्‍सर किसी न किसी पश्चिमी देश में खड़े होते रहते हैं. पॉलिटकली करेक्ट होने के लिए चाहे जो कह लें लेकिन मुसलमानों के खिलाफ ही है. उन्‍होंने कहा कि कुछ ग्रुप हैं जो नफरत को बढ़ावा देने का काम करते हैं और वो पॉलिटिकली मोटिवेटिड होते हैं.’

रेसिस्ट नहीं असली मुद्दा कुछ और है’

हामिद बशानी ने आगे कहा कि यहां पर जो पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नजर आते हैं, उनके खिलाफ गुस्सा निकालते हैं. इस समय ऐसी घटनाएं दुनियाभर में ही हो रही हैं. उन्‍होंने कहा कि वास्‍तव में मुद्दा रेसिस्ट वाला नहीं है बल्कि ये कुछ और ही है.

दरअसल, कुछ लोगों की एक बड़ी तादात अरसे से रह रही है और इसके बाद लोग जिस तजुर्बे से गुजरते हैं, जिस तरह का लाइफस्टाइल हमारे लोगों का देखते हैं, जो खास किस्म का कल्चर देखते हैं, तो उसके बाद उनमें एक खास किस्म का गुस्सा और नफरत पनपने लगती है. उसमें मजहब के हवाले से वही लोग हैं जो मुसलमान या पाकिस्तान या फिर बांग्लादेश के लोग होते हैं.”

ऐसे-ऐसे जहरीले सांप निकलते हैं कि

बशानी ने कहा कि “इनके खिलाफ खासतौर पर गुस्से का कारण ये है कि वो अपना मुल्क छोड़कर यहां रहने आते हैं और यहीं अपनी जिंदगी संवारने के बारे में सोचते है और जब उनकी लाइफ ट्रैक पर आ जाती है तो वो एक-एक करके अपने इरादे खोलते हैं और इनमें से ऐसे-ऐसे जहरीले सांप निकलते हैं कि पॉपुलेशन बर्दाश्त ही नहीं कर सकती. वो हलाल की शॉप पर प्रोटोकॉल फॉलो नहीं करते हैं, सड़क पर चलते-चलते नमाज पढ़ने लगते हैं, मजहब को एक धमकी के तौर पर पेश करते हैं. ऐसे में जाहीर तौर पर लोगों को अंदर रिएक्शन पैदा होने लगता है कि अभी तो इतने ही हैं तो ये हाल है, और ज्यादा हो गए तो क्या होगा.”

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