Australia:ऑस्ट्रेलिया ने विदेशी छात्रों के लिए वीजा शुल्क को भी बढ़ाने के साथ ही अपने यहां आने वाने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या के सीमित करने का फैसला किया है. जिसका भारत समेत अन्य कई देशों पर गहरा प्रभाव पड़ने वाला है. ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले का मेन मकसद देश में बढ़ते प्रवासन को कम करना बताया जा रहा है.
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के पिछले कई वर्षों में बाहर से आने वालों की तादाद रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी है. जिसके वजह से यहां घरों के किराये आसमान छू रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले का भारत में पंजाब के छात्रों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने वाला है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों में ज्यादातर पंजाब के हैं.
इन पाठ्यक्रमों के लिए सीमित होगी छात्रों की संख्या
ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने बताया कि देश में जिन पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों की संख्या को सीमित करने जा रहे हैं, उसमें उच्च शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी शामिल हैं. वहीं, ऑस्ट्रेलिया के माइग्रेशन एजेंट्स रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के सदस्य सुनील जग्गी ने बताया कि जून 2022 में ऑस्ट्रेलिया में विदेशी छात्रों की संख्या 5.10 लाख थी, जिससे 2023 में घटाकर 3.75 लाख कर दी गई. अब उन्होंने इसे और कम करने का फैसला किया है.
सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर लागू होगा फैसला
जेसन क्लेयर ने बताया कि यह फैसला सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर लागू होगा. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय देशों और राज्यों के हिसाब से कोटा वितरित करेंगे. वहीं, फरवरी में प्रवेश लेने की तैयारी कर रहे छात्रों पर इस फैसले का असर होगा.
कनाडा ने भी नए प्रतिबंधों की भी घोषणा की
आस्ट्रेलिया के अलावा कनाडा ने भी अपने अस्थायी विदेशियों के लिए नए प्रतिबंधों की भी घोषणा की है. जिसके तहत 26 सितंबर से उद्यमों को अपने कार्यबल की अपेक्षा सिर्फ 10 फीसदी ही विदेशी विदेशी लोगों को भर्ती करने को फरमान सुनाया गया है. साथ ही इनके वेतन को भी कम ही रखने को कहा गया है. हालांकि इससे पहले ये संख्या 20 फीसदी थी. इसके लिए कनाडा में बढ़ती बेरोजगारी दरों को जिम्मेदार ठहराया गया है.
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