Australia-Indonesia: ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया ने एक ऐतिहासिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाएगा. दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते के तहत संयुक्त सैन्य अभ्यास की संख्या में वृद्धि होगी, हालांकि मानवाधिकार अधिवक्ताओं ने इस पर सुरक्षा उपायों की मांग की है.
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने मंगलवार को कैनबरा में इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रबोवो सुबियांटो से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच का रिश्ता सबसे महत्वपूर्ण है. इसी बीच नेताओं ने संधि वार्ता के समापन की घोषणा की.
चीन का मुकाबला करने का प्रयास कर रहा ऑस्ट्रेलिया
बता दें कि यह समझौता अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी होगा. इससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने में मदद मिलेगी. कहा जा रहा है कि चीन से मुकाबला करने के लिए ऑस्ट्रेलिया दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र में अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया. उन्होंने कहा कि इस समझौते के जरिए दोनों सेनाओं के बीच अधिक अभ्यासों का मार्ग प्रशस्त होगा.
समझौते में मानवाधिकारों का कोई जिक्र नहीं
हालांकि, इस समझौते में मानवाधिकारों का कोई जिक्र नहीं किया गया है. ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई सरकार से इंडोनेशिया के साथ बातचीत में मानवाधिकारों से संबंधित प्रतिबद्धताओं को शामिल करने का आग्रह किया गया है, विशेष रूप से पश्चिमी पापुआ में.
विस्थापित हो चुके है 1,00,000 पापुआन
दरअसल, इंडोनेशिया में पश्चिमी पापुआ में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 के अंत से अब तक करीब 1,00,000 पापुआन विस्थापित हो चुके हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया से आग्रह किया गया है कि वह सुनिश्चित करे कि उसके सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल मानवाधिकारों के उल्लंघन में न हो.
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