SSN-AUKUS: ऑस्ट्रेलियाई नौसेना एक पनडुब्बी बना रही है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे खतरनाक लड़ाकू मशीन है. ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच रक्षा समझौता (AUKUS) के तहत इस पनडुब्बी का निर्माण किया जा रहा है. परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी समंदर के अंदर दुनिया की सबसे एडवांस लड़ाकू मशीन होगी.
उड़ेगी चीन की नींद
इसी साल मई में एक इंटरव्यू में ऑस्ट्रेलियाई पनडुब्बी एजेंसी के महानिदेशक जोनाथन मीड ने इस पनडुब्बी के बारे में बताया था. जोनाथन मीड ने कहा था कि उनमें ज्यादा मारक क्षमता होगी, ज्यादा क्षमता होगी, ज्यादा शक्तिशाली रिएक्टर होंगे और वे हमारी मौजूदा सेवारत पनडुब्बियों के मुकाबले ज्यादा खास ऑपरेशन करने में सक्षम होंगी.
ऑस्ट्रेलिया ने अपना पनडुब्बी प्रोग्राम ऐसे वक्त में शुरू किया है, जब चीन ने प्रशांत और हिंदा महासागर में अपनी गतिविधि बढ़ाई है. इस सबमरीन के निर्माण से चीन की नींद उड़ने वाली है.
नई पनडुब्बी SSN-AUKUS की खासियत
सबमरीन SSN-AUKUS क्लास पनडुब्बी के पास 10 हजार से ज्यादा विस्थापन की क्षमता होगी. इस तरह यह अमेरिका की वर्तमान वर्जीनिया क्लास अटैक पनडुब्बी से बड़ी होगी, जिसकी कैपिसिटी 7 हजार टन है. ऑस्ट्रेलिया के पास पारंपरिक तौर पर संचालित 6 कोलिंस-क्लास पनडुब्बियां हैं, जिनमें प्रत्येक लगभग 33 टन की हैं.
ब्रिटेन की पनडुब्बी से बड़ी और बेहतर
मीड ने दावा किया कि अमेरिका की मदद से ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के लिए बनाई जाने वाली SSN-AUKUS क्लास पनडुब्बियां ब्रिटेन की एस्ट्यूट-क्लास पनडुब्बियों का बड़ा, तेज और बेहतर वर्जन होंगी. सबमरीन को बनाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई स्टील का इस्तेमाल किया जाएगा. स्टील को ब्रिटिश और अमेरिकी मानकों के योग्य बनाया जा रहा है. अप्रैल 2024 में अमेरिका के प्रमुख युद्धपोत निर्माता न्यूपोर्ट न्यूज शिपबिल्डिंग ने परीक्षण और प्रशिक्षण के लिए बिसालॉय स्टील के पोर्ट केम्बला प्लांट से प्रोसेस्ड ऑस्ट्रेलियाई स्टील के लिए प्रारंभिक खरीद का आदेश दिया.
8 पनडुब्बी बनाने की योजना
जानकारी के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया ने आठ पनडुब्बियां बनाने का वादा किया है. मीड का कहना है कि सही दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी तीन वर्जीनिया औऱ 5 SSN-AUKUS की योजना है और यह प्रोग्राम 2054 तक चलेगा.’ ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की पनडुब्बियां SSN-AUKUS पनडुब्बियां एक जैसी होंगी. इसमें अत्याधुनिक अमेरिकी तकनीकें भी शामिल होंगी.
पनडुब्बी में होंगे आधुनिक हथियार
सभी पनडुब्बियों में AN/BYG-1 लड़ाकू सिस्टम का उन्नत संस्करण होगा, जिसका उपयोग कोलिन्स वर्ग और अमेरिकी पनडुब्बियों में किया जाता है. इसमें मार्क 48 हैवीवेट टारपीडो होगा, जिसे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने डेवलप किया है. इसकी सफलता पर भरोसा जताते हुए मीड ने कहा, ‘हर दिन हम खुद से एक ही सवाल पूछते हैं: ‘क्या हम सही रास्ते पर हैं? हर इसका जवाब होता है हां.’
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