मरे इंसान को दोबारा जिंदा करने की उम्मीद! ऑस्ट्रेलियन कंपनी ने किया व्यक्ति की लाश को फ्रीज

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Australian Cryonics Firm: ऑस्ट्रेलिया की एक क्रायोनिक्स कंपनी ने अपने पहले ग्राहक को फ्रीज कर दिया है, दरअसल कंपनी की उम्‍मीद है कि वह भविष्‍य में उस व्‍यक्ति को वापस जिंदा कर सकेंगे. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के अनुसार, दक्षिणी गोलार्ध की पहली क्रायोनिक्स सुविधा संचालित करने वाली सदर्न क्रायोनिक्स ने बताया है कि उसने अपनी होलब्रुक सुविधा में अपने पहले ग्राहक को क्रायोजेनिक रूप से फ्रीज कर दिया है.

200 डिग्री सेल्सियस पर किया गया फ्रीज

बता दें कि 80 वर्षीय ग्राहक की मृत्‍यु के बाद उन्‍हें सिडनी में माइनस 200 डिग्री सेल्सियस पर फ्रीज किया गया है. आउटलेट के मुताबिक, सदर्न क्रायोनिक्स के सुविधा प्रबंधक फिलिप रोड्स ने बताया कि यह काफी तनावपूर्ण था. इसी बात ने मुझे एक सप्ताह तक जगाए रखा क्योंकि अलग-अलग दिनों में कई अलग-अलग प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, और ऐसी कई स्थितियां थीं जिसमें गलती हो सकती थी, अगर हमने ठीक से तैयारी नहीं की होती.

पहला ग्राहक थोड़ा अप्रत्याशित

रोड्स ने बताया कि भले ही उनका फर्म इस साल से शवों को स्वीकार करने के लिए तैयार है, लेकिन उनका पहला ग्राहक थोड़ा अप्रत्याशित था. उन्‍होंने बताया कि कुछ अन्य लोग भी थे जो पहले से ही सदस्य थे और हमें लगा कि वे पहले व्यक्ति हो सकते हैं, लेकिन फिर पता चला की यह कोई ऐसा व्यक्ति था जो पहले से सदस्य नहीं था.

तुरंत शुरू हुई 10 घंटे की प्रक्रिया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘Patient One’ की 12 मई को सिडनी के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई. उसके शरीर को वापस जीवित करने की उम्मीद में उसके शरीर को संरक्षित करने की 10 घंटे की प्रक्रिया तुरंत शुरू की गई. इस दौरान सबसे पहलले उस व्यक्ति के शरीर को अस्पताल के ठंडे कमरे में ले जाया गया और उसे करीब 6 डिग्री सेल्सियस तक लाने के लिए बर्फ में पैक किया गया.

खास तरह के स्लीपिंग बैग में…

इसके बाद डॉक्टरों ने कोशिकाओं को संरक्षित करने और शरीर के तापमान को कम करने में मदद की. फिर उसे एक खास तरह के स्लीपिंग बैग में लपेटा गया और सूखी बर्फ में पैक किया गया. उसके शरीर का तापमान माइनस 80 डिग्री सेल्सियस के आसपास लाया गया और अगले दिन उसे साउथर्न क्रायोनिक्स के होलब्रुक सुविधा में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसे लिक्विड नाइट्रोजन की डिलीवरी आने तक सूखी बर्फ पर रखा गया. फिर उस व्यक्ति का तापमान और कम करके माइनस 200 डिग्री सेल्सियस कर दिया गया और फिर उसे एक खास टैंक में रखा गया जो वैक्यूम स्टोरेज पॉड के रूप में काम करता है.

पूरी प्रक्रिया में 170,000 डॉलर का खर्च

आउटलेट ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में करीब 170,000 डॉलर का खर्च आया, इसके साथ ही संरक्षण प्रक्रिया में मदद करने के लिए मेडिकल टीमों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ा. हालांकि कंपनी ने कहा कि 10 घंटे की यह प्रक्रिया व्यक्ति के पुनर्जीवित होने की संभावना को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई है.

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