Bangladesh: बांग्लादेश में एक स्टडी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 70 से अधिक नदियां सूख गई हैं या सूखने के कगार पर है. यह स्टडी सरकार के आंकड़ों पर आधारित है. इससे कृषि, मत्स्य पालन और आजीविका को खतरा पैदा हो गया है. स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बहने वाली 1156 नदियों में से कम से कम 79 नदियां सूख गई हैं या हाल के दिनों में सूखने वाली हैं. ये सभी नदियां भारी मात्रा में गाद से भरी हुई हैं. स्टडी के मुताबिक, हाल के वर्षों में अतिक्रमण के वजह से कुछ नदियों का बड़ा हिस्सा गायब भी हो गया है.
रिसर्च करने वालों ने क्या कहा?
रिवर और डेल्टा रिसर्च सेंटर (आरडीआरसी) ने जनवरी 2023 से दिसंबर 2024 तक प्रकाशित सरकारी आंकड़ों, विभिन्न शैक्षणिक पत्रों और समाचार पत्रों की रिपोर्टों के आधार पर यह स्टडी किया. शोधकर्ताओं में से एक खालिद सैफुल्लाह ने बताया कि बांग्लादेश की सूख चुकी नदियां शीर्षक से किया गया यह अध्ययन सरकार द्वारा तैयार की गई नदियों की नई लिस्ट के आंकड़ों पर बेस्ड है, जिसमें देश के सभी उपायुक्तों से जानकारी ली गई है. अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता मोहम्मद अज़ाज ने कहा कि, हमने पाया कि कम से कम 79 नदियां या तो चुकी हैं या सूख रही हैं.
इनमें से 25 नदियां खुलना डिवीजन में, 19 राजशाही में, 14 रंगपुर में, छह चटगांव में, पांच मैमनसिंह में, चार ढाका में और तीन-तीन नदियां बरिशाल और सिलहट डिवीजन में हैं. ज़्यादातर नदियां सतखीरा, खुलना, राजशाही और कुश्तिया क्षेत्रों में मौजूद हैं, जहां तेजी से बढ़ते शहरीकरण ने पानी के प्राकृतिक प्रवाह को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है.
स्टडी में और क्या कहा गया?
अध्ययन में आगे बताया गया है कि, बांधों ने नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को बदल दिया है, जिससे लाखों बांग्लादेशियों को मछली पकड़ने, खेती करने और माल परिवहन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा, चूंकि इन नदियों में जल की उपलब्धता अप्रत्याशित हो गई है, जिससे आजीविका खतरे में पड़ गई है, जबकि उन पर निर्भर सम्पूर्ण समुदाय जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
अध्ययन में आगे कहा गया है कि लोगों के अलावा इन क्षेत्रों में वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे हैं, जिससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है. वहीं पर्यावरण सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने बताया कि एक नदी कई कारणों से सूख सकती है. कुछ नदियां प्राकृतिक कारणों से सूखती हैं, तो कुछ मानवीय गतिविधियों के वजह से. कोई भी कार्रवाई करने से पहले, हमें प्रत्येक नदी के सूखने के पीछे का वजह जानना होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में अंतरिम सरकार चुनिंदा नदियों को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
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