Bangladesh: इस समय बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत लगातार चिंता जाहिर कर रहा है. इसी बीच अमेरिका ने भी धार्मिक और आधारभूत मानवाधिकारों सहित मौलिक स्वतंत्रता के सम्मान की बात कही है. अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा है कि हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए. सरकारों को कानून के शासन का सम्मान करने की आवश्यकता है. साथ ही उन्हें आधारभूत मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए और हम इस बात पर हमेशा ही जोर देते रहेंगे.
शांतिपूर्ण होना चाहिए विरोध
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार को विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए. वेदांग पटेल ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमारा मानना है कि हिरासत में लिए गए लोगों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए और उनसे अधारभूत मौलिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के अनुरूप व्यवहार किया जाना चाहिए.
हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा खत्म करें सरकार
वहीं, अमेरिकी सांसद ब्रैड शरमन ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का पूर्ण दायित्व है कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करें. साथ ही हाल में हुए हमलों तथा उत्पीड़न के कारण हजारों अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरोध प्रदर्शनों का सार्थक रूप से समाधान करे. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश प्रशासन को हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा को खत्म करने में भूमिका का निर्वहन करना चाहिए.
‘चिन्मय दास की जान को खतरा‘
इसी बीच ‘हिंदूएक्शन’ के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने निवर्तमान बाइडेन-हैरिस प्रशासन से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए हर संभव मदद करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से हमें जो प्रतिक्रिया मिल रही हैं, उसके अनुसार कहा जा सकता है कि अंतरिम सरकार की ओर से गिरफ्तार किए गए इस्कॉन प्रमुख चिन्मय दास को हिरासत में जान का गंभीर खतरा है.
इसे भी पढें:-‘इस्तीफा दें या महाभियोग का करें सामना’, दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ के मुद्दे पर घिरे यून सुक-योल