Bangladesh: बांग्लादेश में राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने हाल ही में कुछ ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद से वहां के लोगों में काफी नाराजगी है और ऐसे में ही वो उनके इस्तीफे की मांग कर रहे है. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने उनपर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी अवामी लीग पार्टी के प्रति वफादार होने का आरोप भी लगाया है.
दरअसल, हाल ही में शहाबुद्दीन ने कहा था कि उनके पास पूर्व पीएम शेख हसीना का इस्तीफे का कोई सबूत ही नहीं है. इस पर सैकडों प्रदर्शनकारियों ने 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आवास का घेराव किया और पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़कर राष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिश भी की.
प्रदर्शन के दौरान कई घायल
इस दौरान वहां तैनात पुलिस के दंगा-रोधी दस्ते और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में कम-से-कम 30 लोग घायल हुए है. वहीं, कई पुलिसकर्मी और अधिकारी भी घायल हुए. दरअसल राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के देश छोड़ देने की खबर सुनी, लेकिन हसीना ने उन्हें खुद कुछ नहीं बताया.
प्रदर्शनकारियों का फुटा गुस्सा
राष्ट्रपति शहाबुद्दीन के इसी बयान पर प्रदर्शनकारियों का गुस्सा फुट पड़ा. उन्होंने कहा कि छात्र आंदोलन के फासीवादी हुकूमत को गिरा देने के बाद अब उसी हुकूमत का राष्ट्रपति नहीं होना चाहिए. जनता के राष्ट्रपति को उनकी जगह ले लेनी चाहिए.
शहाबुद्दीन को देना पड़ सकता है इस्तीफा
राष्ट्रपति भवन के घेराव के बाद छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि वो राष्ट्रपति पद पर शहाबुद्दीन की जगह लेने के लिए किसी और की तलाश करेंगे. इसके लिए वो सेना के प्रमुख के सामने राजनीतिक पार्टियों से बात करेंगे और उसके बाद इस पद को संभालने के लिए किसी को चुनेंगे. छात्रों की इस चेतावनी को देखते कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही शहाबुद्दीन को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है.
इसे भी पढें:-जस्टिन ट्रूडो ने लिया ऐसा फैसला जिससे कनाडा में भारतीयों की बढ़ी समस्या, जानिए क्या है पूरा मामला