Bangladesh Child Marriage Report: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में बाल विवाह का मुद्दा काफी गंभीर होता जा रहा है. सर्वे रिपोर्ट से पता चला है बांग्लादेश में लड़कियां ही नहीं, लड़के भी बाल विवाह के शिकार हो रहे हैं. शोधकर्ताओं ने ‘बांग्लादेश में बाल अधिकार और कल्याण की स्थिति विश्लेषण 2024’ की एक रिपोर्ट के जरिए इसके बारे में बताया है.
11 जिलों में हुआ सर्वे
इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए बांग्लादेश के 11 जिलों में सर्वे हुआ था. इंस्पायर एडवाइजरी एंड कंसल्टिंग के पोर्टफोलियो मैनेजर मोहम्मद अदनान रहमान ने रिपोर्ट के निष्कर्ष को पेश किया. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक डाटा दिखाता है कि 2022 के मुकाबले साल 2023 में बाल विवाह का प्रचलन बढ़ा है.
बढ़ रहे बाल विवाह के आंकड़े
हालांकि शोधकर्ताओं ने साल 2024 के बाल विवाह के आंकड़े अभी इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किए हैं, क्योंकि यह अध्ययन 15 सितंबर से 15 दिसंबर के बीच किया गया है. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में 20 से 24 साल के बीच की उम्र की 40.9 प्रतिशत महिलाएं ऐसी थीं जिनकी शादी 18 साल पूरे होने से पहले कर दी गई थी.
वहीं साल 2023 में यह आंकड़ा 41.6 प्रतिशत हो गया. यही नहीं इनमें 8.2 प्रतिशत महिलाएं ऐसी थीं, जिनकी शादी 15 साल की उम्र पूरी होने से पहले हो गई.
क्या है बाल विवाह की असली वजह
अदनान रहमान ने बताया कि बाल विवाह के पीछे की असली वजह में कोई बदलाव नहीं किया जा सका है. जैसे कि गरीबी, धार्मिक चिंताएं, अपर्याप्त सामाजिक सुरक्षा, बच्चियों के बाल विवाह की घटनाएं, गैर-प्रतिबंधित उपकरणों तक पहुंच और जलवायु से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.
अदनान ने बताया कि मोबाइल उपकरणों और इंटरनेट तक आसान पहुंच के चलते बच्चे कम उम्र में ही सेक्सुअल एक्टिविटी में शामिल हो रहे हैं. इससे उनके परिजन बेचैनी महसूस करते हैं और सामाजिक-धार्मिक रीति-रिवाजों के अंतर्गत फैसला कर लेते हैं. जिसके वजह से कम उम्र में ही बच्चों की शादी कर दी जाती है.
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