Bangladesh Chief Justice: बांग्लादेश में जस्टिस सैयद रेफात अहमद ने रविवार को बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सैयद रेफात अहमद को नए चीफ जस्टिस को शपथ दिलाई. वहीं, सपथ ग्रहण समारोह का संचालन कैबिनेट सचिव महबूब हुसैन ने किया.
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस भी मौजूद रहें. राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने शनिवार को न्यायमूर्ति अहमद को बांग्लादेश का 25वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया. दरअसल, बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन और पांच अन्य जजों ने शनिवार को अपना इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद न्यायमूर्ति अहमद ने नए चीफ जस्टिस के पद की शपथ ली.
इन मांगो के बीच लिया बया फैसला
बता दें कि शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद करीब पांच दिन बाद, प्रदर्शनकारी सड़कों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और न्यायपालिका में सुधार की मांग कर रहे थे. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर मार्च करने वाले छात्रों के बीच यह कदम उठाया गया.
राष्ट्रपति आवास पर ली शपथ
हालांकि इससे पहले प्रदर्शनकारी छात्र नेताओं ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन और अपीलीय डिवीजन के जजों को दोपहर एक बजे तक इस्तीफा देने का अल्टीमेटम जारी किया था. जिसके बाद अहमद ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास के दरबार हॉल में एक समारोह के दौरान नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली.
वहीं, अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अहमद को वित्त और योजना मंत्रालयों का प्रभार सौंपा. बता दें कि उन्होंने शुक्रवार को अपने 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की थी. शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन पांच अगस्त को किया गया था.
क्या बोले आर्थिक सलाहकार…
अहमद ने वित्त एवं योजना सलाहकार का पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि सरकार की प्राथमिकता केंद्रीय बैंक के संचालन को दोबारा से शुरू करके बैंकों में आम लोगों का भरोसा बहाल करना है. उसके बाद हम सुधार लाने पर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से देश की अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई है. ऐसे में हमारा लक्ष्य अर्थव्यवस्था में जल्द से जल्द नई जान डालने पर होगा. उन्होंने कहा कि यदि एक बार अर्थव्यवस्था ठप हो जाती है, तो इसे पुन: शुरू करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसलिए हम नहीं चाहते कि यह थम जाए.”
‘हमें सभी मोर्चो पर काम करना है’
उन्होंने कहा कि ”अर्थव्यवस्था में कई तरह की समस्याएं हैं, जैसे- बैंकिंग क्षेत्र, मुद्रास्फीति और कई अन्य जटिलताओं से जुड़े मुद्दे हैं. हमें सभी मोर्चों पर काम करना होगा. अहमद ने कहा कि इस वक्त हमें सिर्फ कानून और व्यवस्था या सुरक्षा उपायों पर ही ध्यान नहीं देना है, बल्कि बैंकों को खोलने, बंदरगाहों को चालू रखने पर भी उतना ही महत्व दिया जाना चाहिए. बैंकिंग क्षेत्र के बुनियादी संचालन को फिर से शुरू करने में अधिक समय नहीं लगेगा.
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