Bangladesh News: बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर जारी प्रदर्शन में छात्र संगठनों की बड़ी जीत हो गई है. छात्र शक्ति के आगे आखिरकर 15 सालों से सत्ता पर काबिज शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. फिलहाल बांग्लादेश की कमान सेना के हाथों में है. सोमवार को बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ने ऐलान किया कि वे देश में राष्ट्रपति से मिलकर अंतरिम सरकार बनाएंगे. इसके लिए सेना प्रमुख वकार ने देश के विभिन्न राजनीतिक दलों से भी बात की है.
हालांकि, सेना प्रमुख के इन प्रस्ताओं को आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्रों ने ठुकरा दिया है. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेताओं ने सेना प्रमुख से 24 घंटे में अपनी राष्ट्रीय अंतरिम सरकार का प्रस्ताव रखने की बात कही है. शेख सहीना के सत्ता से हटने के बाद से ही देश की कमान सेना संभाल रही है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है. वहीं, छात्र संगठन शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाने की मांग कर रहे हैं.
शेख हसीना का इस्तीफा पहला कदम
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रमुख नेतृत्वकर्ताओं में से एक नाहिद इस्लाम ने कहा कि शेख हसीना का इस्तीफा हमारे आंदोलन का पहला कदम था और अब हम दूसरे कदम के ओर आगे बढ़ेंगे. अंतरिम राष्ट्रीय सरकार की रूपरेखा 24 घंटों के भीतर देश के नागरिकों, बुद्धिजीवियों और स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर तैयार कर ली जाएगी. यानी आज इस पर बांग्लादेश में कोई फैसला ले लिया जाएगा.
“ये जीत प्रदर्शनों में मरने वालों के नाम”
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रमुख आयोजकों में से एक नाहिद इस्लाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा “मैं यह जीत उन शहीद छात्रों को समर्पित करता हूं जो आंदोलन के दौरान मारे गए हैं. हम प्रदर्शनकारी इस फासीवादी सरकार के खिलाफ एकजुट हुए हैं. हमारे बीच कोई संगठन, धार्मिक मतभेद नहीं है. हम सभी एक रहेंगे और अगर कोई भी देश में धार्मिक उत्तेजना, तोड़फोड़ या बटवारे का प्रयास करते हैं, तो छात्र इसे रोकेंगे.” इस मौके पर नाहिद के साथ आंदोलन आयोजक आसिफ महमूद, हसन अब्दुल्ला और सरजिस आलम भी मौजूद थे.
शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाने की मांग
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के छात्रों ने प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि शेख हसीना को देश में वापस लाया जाए और उन पर मुकदमा चलाया जाए. शेख हसीना पर चुनाव में विपक्षी नेताओं को जेल कराने, भ्रष्टाचार, मानवाधिकार उल्लंघन और हालिया प्रदर्शनों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत के आरोप हैं.