Bangladesh: पीएम शेख हसीना का बड़ा फैसला, हिंसा फैलाने वाले कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी को किया बैन

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh: हाल ही में बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण भड़की हिंसा के बाद पीएम शेख हसीना एक्शन मोड में हैं. बांग्‍लादेश की सत्‍ताधारी अवामी लीग की 14 पार्टियों के गठबंधन ने आगजनी फैलाने वाले कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्‍लामी को बांग्‍लादेश में प्रतिबंध करने का फैसला किया है. साथ ही जमात की छात्र शाखा छात्र शिबिर को बैन किया जाएगा.

आरोप है कि जमात-ए-इस्लामी और छात्र शिबिर ने बीते दिनों बांग्लादेश में हुए छात्र प्रदर्शन को हाईजैक किया और हिंसा फैलाया था. इसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. ईटी की रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से समर्थित जमात-ए-इस्लामी ने छात्र आंदोलन को अगवा कर लिया था, जिसके वजह से आगजनी और हिंसा भड़की.

छात्र आंदोलन में जमात ने फैलाई हिंसा

सोमवार रात को पीएम आवास पर एक बैठक में इसका फैसला लिया गया. इस बैठक की अध्यक्षता अवामी लीग की अध्यक्ष और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने की. बैठक के बाद अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने आवास के बाहर फैसले के बारे में जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि गठबंधन ने आम लोगों की हत्या करने और कई मुद्दे बनाकर आतंकवादी हमले करके राज्य की संपत्ति को बर्बाद करने के आरोप में जमात-शिबिर राजनीति पर बैन लगाने पर सहमति जताई है.

इस दौरान जातीय समाजतांत्रिक दल के अध्यक्ष हसनुल हक इनु, तोरीकत फेडरेशन के अध्यक्ष सैयद नजीबुल बशर मैजभंडारी, वर्कर्स पार्टी ऑफ बांग्लादेश के अध्यक्ष रशीद खान मेनन और बांग्लादेश सम्माबादी दल के महासचिव दिलीप बरुआ सहित 14 पार्टी नेता उपस्थित रहे.

देश को अराजकता पैदा करने की साजिश

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ महासचिव कादर ने कहा कि बीएनपी और जमात देश में अराजकता उत्‍पन्‍न करने की साजिश कर रहे हैं. गठबंधन ने सर्वसम्मति से देश हित के लिए राष्ट्र विरोधी बुरी शक्तियों को खत्म करने के लिए जमात-शिबिर को बैन करने का फैसला किया है.

कट्टरपंथी संगठन का देश विरोधी इतिहास

बता दें कि इसके पहले जमात को बांग्लादेश के चुनाव में शामिल होने पर बैन लगा दिया गया था. जमात-ए-इस्लामी के नेतृत्व ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन का विरोध किया था. उसने 1971 में पाकिस्तान के सेना का साथ दिया था. अक्टूबर 2018 में उच्‍च न्‍यायालय के एक फैसले के बाद बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने जमात-ए-इस्लामी का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया था.

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