Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मोहम्मद यूनुस सरकार ने पूर्व पीएम शेख हसीना पर लोगों को जबरन गायब करने का आरोप लगाया है. इसको लेकर जांच आयोग ने मोहम्मद यूनुस सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शेख हसीना 3500 से अधिक लोगों को जबरन गायब करने की घटनाओं में शामिल रही हैं.
इसमें शेख हसीना के साथ उनके रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (रिटायर) तारिक अहमद सिद्दीकी, टेलीकम्युनिकेशन के पूर्व डॉयरेक्टर जियाउल अहसान और कई पुलिस अफसर भी शामिल है.
लोगों के जबरन गायब होने की 1676 शिकायतें
जांच अयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि आयोग को लोगों के जबरन गायब होने की 1676 शिकायतें मिली हैं. इनमें से अब तक 758 मामलों की जांच हो चुकी है. जांच आयोग का अनुमान है कि बांग्लादेश में जबरन गायब किए जाने की संख्या 3500 को पार कर सकती है. आयोग ने इस रिपोर्ट को ‘अनफोल्डिंग द ट्रुथ’ नाम दिया है.
आरएबी को भंग करने की सिफारिश
रिपोर्ट में रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) को भी भंग करने की सिफारिश की गई है क्योंकि इसमें इसका रोल भी संदिग्ध रही है. रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना ने इस बटालियन का इस्तेमाल कर लोगों को यातनाएं दीं. रिटायर जस्टिस मैनुल इस्लाम चौधरी के नेतृत्व में इस आयोग का गठन किया गया है, जिसमें 5 सदस्य हैं.
मार्च में एक और रिपोर्ट सबमिट करेगा आयोग
मार्च में जांच आयोग एक और अंतरिम रिपोर्ट सबमिट करेगा. मोहम्मद यूनुस ने आयोग को उसकी पहली अंतरिम रिपोर्ट के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही पैनल को अपना काम पूरा करने के लिए हर संभव मदद देने का वादा किया. उन्होंने कहा कि वास्तव में आयोग बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहा है. हम आयोग को हर तरह की मदद देने के लिए तैयार हैं, जिसकी उसे जरूरत है. मोहम्मद यूनुस ने कहा कि वह पीड़ितों की पीड़ा के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए आयोग द्वारा पता लगाए गए कुछ जगहों पर जाएंगे.
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