Bangladesh Hindu Crisis: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद भी हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे है, जिसकी अब दुनियाभर में निंदा की जा रही है. इस बीच बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे नरसंहार को लेकर 50 से अधिक नामचीन लेखकों और वकीलों ने सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें देश में हो रहे घटनाओं को रोकने की मांग की गई है. साथ ही उन्होंने भारतीय संसद को भी इस मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है.
वायरल वीडियो पर जताया दुख
प्रबुद्ध लोगों ने पत्र में लिखा कि हाल में इस्कॉन सेंटर और देश के अन्य इलाकों में कई मंदिरों को जलाया गया, उनमें तोड़फोड़ की गई, जिसके कुछ वीडियो भी वायरल हुए. वहीं, अन्य कई वीडियो में दंगाई हिंदुओं को मारते-पीटते दिखाई दे रहे हैं, जिसपर उन्होंने दुख जाहिर किया. उन्होंने कहा कि लंबे समय से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं, साथ ही वहां लगातार हमले भी किए जा रहे हैं.
25 लाख हिंदुओं का हो हुआ कत्लेआम
उन्होंने इतिहास को दोहराते हुए कहा कि साल 1971 में भी पाकिस्तानी सैनिकों ने हिंदू समुदाय को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया था, उस दौरान वहां करीब 25 लाख से अधिक हिंदू मारे गए थे. वहीं, 2013 से अब तक हिंदुओं पर हमले की 3600 से अधिक घटनाएं घट चुकी हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. हालांकि वहां की संना ने कहा था कि अल्पसंख्यकों की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, स्थिति उसके उलट है. हिंदू परिवारों के घरों को पुलिस और सेना ने ही लूट रही है. अब भी स्थिति गंभीर है. बता दें कि पत्र लिखने वालों में लेखक अमिश त्रिपाठी, आनंद रंगनाथन और वकील जे साई दीपक जैसे लोग शामिल हैं.
ये भी पढ़ें:-बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मंत्री ने की शेख हसीना के पार्टी की तारीफ, आखिर क्या है माजरा