Bangladesh:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने और लगातार हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारतीय गृह मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है, जिसके तहत बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों, हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर कमेटी वहां के गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ वार्ता करेगी. इसके साथ ही दोनों देशों के बार्डर पर सुरक्षा और मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेगी.
कमेटी में ये लोग भी शामिल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पड़ोसी देश में मौजूदा हालात को देखते हुए मोदी सरकार ने कमेटी का गठन किया, जिसका अध्यक्ष सीमा सुरक्षा बल पूर्व क्षेत्र के एडीजी को बनाया गया है. इसके अलावा बीएसफ दक्षिण बंगाल के आईजी, आईजी बीएसफ त्रिपुरा, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के योजना और विकास विभाग के सदस्य और सचिव कमेटी में सदस्य होंगे.
भारत में प्रवेश करना चाहते हैं हिंदू
आपको बता दें कि बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथी लगातार हिंदू समुदाय को निशाना बना रहे हैं,ऐसे में सोमवार से शुरू हुए हमलों में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. इसलिए हमलों के डर से तमाम हिंदू परिवार सामूहिक पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. इसके लिए वो भारत के पंश्चिम बंगाल की सीमा से लगते बांग्लादेश के ठाकुरगांव और पंचगढ़ इलाकों में हजारों हिंदू जमा हो गए हैं, जो भारत में प्रवेश करना चाहते है.
…तो जान से मार दिया जाएगा
वहीं, पंचगढ़ के अटवारी उपजिला के अंतर्गत अलोखावा संघ के अध्यक्ष मोजाकरुल आलम कोच्चि ने बताया कि ठाकुरगांव और पंचगढ़ के विभिन्न इलाकों में हजारों हिंदू बरशालुपारा सीमा के पास पहुंचे हैं. हिंसा से पीडित लोगों का कहना है कि हमलावरों ने उनके सामान को लूट लिया है, साथ ही दुकान और मंदिरों से भी कीमती सामान गायब है. इतना ही नहीं उन्होंने चुतावनी भी दी है कि यदि वापस लौटे, तो जान से मार दिया जाएगा.
ऐसे में बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के कर्मियों के काफी अनुरोध करने के बावजूद भी वो घर लौटने को तैयार नहीं हैं, और भारत आने के लिए उनके पास वीजा नहीं है. एक आकडें के मुताबिक, बॉर्डर पर फिलहाल करीब 5 हजार से ज्यादा लोग होंगे.
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