Bangladesh Hindu Protest: शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर घोर अत्याचार हुए. इस दौरान कई हिंदुओं को पीटा गया, उनके घर जला दिए गए, सामान लूट लिए गए. इन सबके बीच शनिवार को हिंदू समुदाय के सैकड़ों लोगों ने ढाका की सड़कों पर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि ‘यह देश किसी के बाप का नहीं है, इसके लिए हमने खून दिया है, और जरूरत पड़ी तो फिर से खून देंगे, लेकिन बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे.’
इसी बीच उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए हिंदुओं पर हो रही हिंसा के दौरान मूकदर्शक बने सिविल सोसाइटी के सदस्यों पर नाराजगी भी जताई. प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल कनु कुमार ने बताया कि बांग्लादेश के हिंदू अपने घरों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा चाहते हैं.
बांग्लादेश में अलपसंख्यक सुरक्षा आयोग की मांग
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक मंत्रालय, अलपसंख्यक सुरक्षा आयोग, अल्पसंख्यकों के लिए संसद में 10 प्रतिशत संसद में 10 प्रतिशत सीटें और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने और उसे लागू करने की मांग की.
"Hindus have Right to Live"
This is from the capital city of Bangladesh.
Hindu Community gathered in Dhaka to protest against the attacks on Hindus and Temples in Bangladesh. pic.twitter.com/RVDxFbXAuT
— Anshul Saxena (@AskAnshul) August 9, 2024
हिंदुओं के खिलाफ हुईं 205 घटनाएं
वहीं, बांग्लादेश में चल रहे हिंसा को लेकर हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने शुक्रवार को बताया कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश के 64 जिलों में से 52 जिलों में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हुए. जबकि उनके साथ ज्यदती की 205 घटनाएं हुई हैं, जिसे लेकर इस संगठन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस को एक खुला पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि अल्पसंख्यकों में गहरी चिंता और अनिश्चिंतता है.
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
वहीं, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने पर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जहिर की है. उन्होंने कहा कि वह नस्लीय आधार पर किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करते है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि, हम चाहते हैं कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर शीघ्र ही नियंत्रण किया जाए.