Bangladesh India Relation : बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद काफी उथ्ल पुथल हुआ है. ऐसे में अब चीन बांग्लादेश के भारत विरोधी संगठनों से मुलाकात कर भारत के खिलाफ कोई नई साजिश रच रहा है, जिसके लिए वो बांग्लादेश की नई सरकार और इस्लामिक दलों से अपनी दोस्ती भी बढ़ा रहा है. चीन और बांग्लादेश की बढती नजदीकियां भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है.
दरअसल, बीते दिनों चीनी राजदूत याओ वेन ढाका में जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश पार्टी के ऑफिस पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पार्टी की ढेर सारी प्रशंसा की. साथ ही इसे एक सुसंगठित पार्टी बताया.
भारत विरोधी पार्टी पर लगा था बैन
आपको बता दें कि जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में भारत का विरोध करती है. वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस पर बैन लगा दिया था, लेकिन उनके पीएम पद से इस्तीफा देते ही मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा दिया.
हसीना सरकार से भी नजदीकी बढ़ा रहा था चीन
शेख हसीना की सरकार के दौरान भी चीन भारत के खिलाफ अपनी साजिशें रच रहा था. उसने शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग से भी अपने गहरे संबंध बनाए थे. हालांकि अब वो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों से दोस्ती कर रहा है, जो कि भारत को लिए चिंता की बात है, क्योंकि जमात-ए-इस्लामी पार्टी भी बांग्लादेश में भारत के प्रभाव से चिढ़ती रही है.
चीन कर रहा अपना हस्तक्षेप
जानकारों का मानना है कि यदि बांग्लादेश में चीन के समर्थन से यह पार्टी सत्ता में आती है, तो देश में एक ऐसी सरकार बनेगी, जो भारत के साथ आतंकवाद, सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के मुद्दे के खिलाफ होगी. वहीं, संभावना जताई जा रही है कि नई सरकार के कार्यकाल के दौरान चीन बांग्लादेश में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रॉजेक्ट को गति दे सकता है, जिससे भारत का प्रभाव कम हो सकें.
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