Bangladesh: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से देश के 167 पत्रकारों की मान्यता रद कर दी गई है, जिसकी वहां की एडिटर्स काउंसिल ने कड़ी निंदा की है. साथ ही यह चिंता भी जाहिर की है, कि अंतरिम सरकार की यह कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता को खतरे में डालती है. उनके इस कदम से सेंसरशिप का खतरा उत्पन्न होता है और लोकतांत्रिक माहौल भी कमजोर होता है.
बांग्लादेश की मीडिया के मुताबिक, प्रेस सूचना विभाग ने तीन चरणों में 167 पत्रकारों का मान्यता पत्र रद की है, जिन पत्रकारों की मान्याता रद्द की गई है, उसमें कई अनुभवी पत्रकार और संपादक भी शामिल हैं. लेकिन मुहम्मद युनूस के इस कार्रवाई से एडिटर्स काउंसिल में चिंता पैदा हो गई है.
खतरे में प्रेस की स्वतंत्रता
वहीं, काउंसिल द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, वैसे तो सूचना मंत्रालय को मान्यता के किसी भी दुरुपयोग की जांच करने का अधिकार है. एडिटर्स काउंसिल का मानना है कि स्पष्ट आरोपों या सुबूतों के बिना किसी के प्रेस कार्ड रद करना एक खतरनाक मिसाल कायम करता है और इससे प्रेस की स्वतंत्रता को भी खतरे उत्पन्न होता है. साथ ही लोकतांत्रिक माहौल को कमजोर करती है.
हसीना की वापसी के लिए बांग्लादेश ने बनाया प्लान
दरअसल, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में कहा था कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य को भारत से वापस लाने में इंटरपोल की सहायता मांगेगी. बता दें कि हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं पर छात्र आंदोलन के क्रूर दमन का आदेश देने के साथ ही कुल 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं.
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