Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने सत्ता से बेदखल होते ही दावा किया था कि बांग्लादेश में हिंसा के पीछे अमेरिका का हाथ है. जिसे अमेरिका ने सिरे से खारिज कर दिया था. हालांकि, शेख हसीना का यह दावा अब सही निकला है. इसका पता अमेरिकी सरकार के एक सीक्रेट दस्तावेज से चलता है जो अब सार्वजनिक हुआ है.
जानिए अमेरिका की प्लानिंग
बता दें कि जो सीक्रेट दस्तावेज सार्वजनिक हुआ है, उसके मुताबिक, शेख हसीना को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से हटाने की योजना 2019 में ही शुरू हो गई थी. बस इंतजार था एक उचित अवसर का. इसके लिए अमेरिकी एजेंसियों ने एक योजना बनाई. इस पर पानी की तरह पैसा बहाया. इस पूरी योजना की देखरेख करने वाले वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों में क्रिस मर्फी, सुमोना गुहा, डोनाल्ड लू, सारा मार्गन और फ्रांसिस्को बेनकोस्मे शामिल थे.
दरअसल, बांग्लादेश में जब अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस बने तभी से लोगों का शक अमेरिका के प्रति गहरा हो गया था. क्योंकि मोहम्मद यूनुस को अमेरिका का करीबी माना जाता है. लेकिन उस वक्त अमेरिका ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन अमेरिका का यह करतूत अब उजागर हो गया है.
दस्तावेज में हुआ खुलासा
द संडे गार्जियन को उपलब्ध कराए गए आंतरिक दस्तावेजों में यह खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ है. इस प्लान में इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट (IRI) नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी (NED) और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) जैसी एजेंसियां शामिल थी. इसमें सबसे अहम भुमिका में इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट (IRI) थी. जिसने मंगोलिया (1996), हैती (2001) और युगांडा (2021) के बाद बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन कराया. इस दस्तावेज में यह भी उजागर हुआ है कि भारत के हस्तक्षेप को काउंटर और प्रतिकार करने की यह परियोजना कैसे जरूरी थी.
2019 से ही जारी थी कोशिश
मार्च 2019 में, IRI ने USAID और NED से अपनी गतिविधियों के लिए अनुदान प्राप्त करने के बाद, ढाका में शासन परिवर्तन लाने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया. उस कार्यक्रम का नाम “जवाबदेही, समावेशिता और लचीलापन समर्थन कार्यक्रम को बढ़ावा देना” (PAIRS) रखा गया था और यह जनवरी 2021 तक 22 महीने तक चला. IRI ने कहा कि यह कार्यक्रम “बांग्लादेश के नागरिकों की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ाने और सत्तावाद विरोधी आवाज़ों को बढ़ाने के लिए” आवश्यक था, जिसके लिए “IRI ने एक व्यापक-सामाजिक सशक्तिकरण परियोजना को लागू किया, जिसने राजनीतिक जुड़ाव के लिए नागरिक-केंद्रित, स्थानीय और गैर-पारंपरिक मंचों को बढ़ावा दिया और उनका विस्तार किया.
पानी की तरह बहाया पैसा…
अमेरिका ने इस योजना पर पानी की तरह पैसा बहाया है. बांग्लादेश में सरकार विरोधी काम करने के लिए हर सामाजिक या प्रेशर ग्रुप को अनुदान दिए गए. सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाए गए और उसके बदले पैसे दिए गए. यही नहीं हर समूह को टारगेट किया गया ताकि वह किसी न किसी तरह से सरकार के खिलाफ काम कर सके.