Bangladesh News: बांग्लादेश में बढ़ सकती है भारत विरोधी गतिविधियां, मोदी सरकार के सामने बड़ा चैलेंज!

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bangladesh News: शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़ते ही बांग्लादेश की व्यवस्था तितर-बितर हो गई है. प्रदर्शनकारी हर जगह तांडव मचा रहे हैं. फिलहाल बांग्लादेश की कमान सेना के हाथों में है. बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमां प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील कर रहे हैं. इन सबके बीच शेख हसीना ने भारत में शरण ली है. भारत सरकार बांग्लादेश के हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शन मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है.

दरअसल, आरक्षण को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है. बांग्लादेश राजनीतिक दलों के दिग्गजों से मिलकर अंतरिम सरकार बनाने जा रही है. गृह युद्ध से जूझ रहे बांग्लादेश को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट मोड में हैं और सीमा पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं.

क्या है मोदी सरकार के सामने चैलेंज?

ज्ञात हो कि बांग्लादेश में जारी इस प्रदर्शन में कट्टरपंथियों का बोलबाला दिख रहा है. प्रदर्शनकारी हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे हैं. ढाका में 20 से ज्यादा मंदिरों को भी तोड़-फोड़ कर जला दिया गया. साथ ही कई हिंदुओं के घर में तोड़फोड़ की गई है. बांग्लादेश में हिंदुओं के सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार अगला कदम क्या उठाती है ये उसके लिए बड़ा चैलेंज होगा.

बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधियां..!

बांग्लादेश में हुए इस गृह युद्ध में पाकिस्तान, अमेरिका व चीन का हाथ लग रहा है. ऐसी चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि बांग्लादेश में कहीं पाकिस्तान की आईएसआई (ISI) अपने नापाक मंसूबों के जरिए आंतकियों को पनाह न देना शुरू कर दे. यदि ऐसा होता है तो भारत के लिए यह बड़ा चैलेंज होगा. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना भारत में शरण ली हैं. इसलिए बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन भारत विरोधी गतिवधियां उठा सकते हैं और पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह दे सकते हैं.

भारत के लिए बड़ी चुनौती

बता दें कि बांग्लादेश में जमाते इस्लामी, जमात उल मुजाहिदीन नाम के दो कट्टरपंथी संगठन एक्टिव थे, कयास लगाए जा रहे हैं ये फिर एक्टिव हो जाएंगे. इन दोनों संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का संरक्षण मिला हुआ है. ऐसे में अगर पाकिस्तान ने कट्टरपंथी संगठनों की मदद का फायदा उठाकर अराजकतत्वों या फिर आंतकियों की घुसपैठ शुरू करा दी तो हमारे देश लिए बड़ा खतरा हो सकता है. जानकारी हेतु बता दें कि पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत के बॉर्डर खुले हुई हैं. जहां से अवैध घुसपैठ होती ही रहती है. जहां भारत के सामने पहले से ही आतंक की चुनौती है, इससे चुनौती और बढ़ सकती है.

चीन उठा सकता है फायदा

चीन पहले से ही भारत को घेरने की कोशिश करता रहता है. ऐसे में यदि बांग्लादेश में पाकिस्तान समर्थित सरकार या संगठन बन गया तो चीन अपने दोस्त पाकिस्तान के जरिए भारत को पुरजोर तरीके से घेरने की कोशिश करेगा, जो भारत की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नही है.

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