Bangladesh-Pakistan Plan on SAARC: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार और पाकिस्तान की शहबाज सरकार एक साथ मिलकर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क/SAARC) को फिर से सक्रिय करने की कोशिशों में जुटें हुए है. ऐसे में मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के साथ मुलाकात के दौरान सार्क संगठन के मुद्दे पर बात की थी.
हालांकि SAARC मुद्दें को लेकर पाकिस्तान और बांग्लादेश ऐसे समय में एक साथ आए है, जब भारत दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाले संगठन बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोऩॉमिक को-ऑपरेशन) पर अपना ध्यान लगा रहा है.
महफूज आलम ने भारत को दी थी धमकी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस के करीबी और सहयोगी महफूज आलम भी सार्क संगठन को फिर से सक्रिय करने की वकालत कर रहे हैं, जिनके कथित तौर पर हिज्ब-तहरीर से संबंध है. महफूज आलम ने हाल ही में भारत के कुछ भागों पर कब्जे की धमकी देकर विवाद खड़ा कर दिया था, जिसपर भारत ने आपत्ति जताई थी.
बांग्लादेश के साथ संपर्को को सक्रिय कर रहा पाकिस्तान
वहीं, जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान बांग्लादेशी अंतरिम सरकार के सदस्यों और सेवानिवृत्त बांग्लादेशी सैन्य अधिकारियों के एक वर्ग को भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में सार्क को फिर से सक्रिय करने के लिए प्रभावित कर रहा है. दरअसल, पाकिस्तानी उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न संस्थानों, मंत्रालय और विश्वविद्यालयों के साथ ढाका में फिर से अपने संपर्क को एक्टिव कर रहा है, जिससे SAARC समेत कई विचारों को पूर्ण सक्रियता के साथ आगे बढ़ाया जा सके.
फिलहाल एक निष्क्रिय संगठन है ‘सार्क’
बता दें कि वर्तमान में सार्क के महासचिव बांग्लादेश के राजनयिक मोहम्मद गोलम सरवर हैं. वहीं, भारत द्वारा प्रस्तावित पहलों पर पाकिस्तान की जिद्द और सीमा पर आतंकवाद पर कार्रवाई करने से इंकार करने के कारण सार्क इस समय एक निष्क्रिय संगठन है.
मालूम हो कि नवंबर 2014 में नेपाल की राजधानी काठमांडू में 8 देशों के समूह के 18वें शिखर सम्मेलन के दौरान सार्क दो समझौतों को अंतिम रूप देने के काफी करीब था, लेकिन उस वक्त पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार ने सेना के दबाव में प्रस्ताव को रोक दिया था.
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