भारत के लिए खतरे की घंटी! यूनुस सरकार की इस चाल से बांग्लादेश में आसानी से हो सकेगी ISI एजेंट्स की एंट्री

Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Aarti Kushwaha
Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh-Pakistan Relation: बांग्लादेश की यूनुस सरकार भारत के खिलाफ एक के बाद एक चाल चल रहा है, दरअसल हाल ही में बांग्‍लादेश ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा प्रतिबंधों में ढील कर दी है, जिससे भारत की टेंशन बढ़ी हुई है, क्‍योंकि पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सुरक्षा मंजूरी खत्म होने से बांग्लादेशी धरती पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट्स की पहुंच भी आसान हो जाएगी.

ऐसे में कुछ क्षेत्रीय विश्लेषकों के मुताबिक, यह घटनाक्रम बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तालमेल का संकेत है, जिसका सीधा प्रभाव भारत की सुरक्षा पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. वहीं, रक्षा और रणनीतिक विशेषज्ञ रिटायर कर्नल अजय रैना का कहना है कि अब यह स्‍पष्‍ट हो चुका है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन पाकिस्तान की आईएसआई के माध्यम से अमेरिका के डीप स्टेट द्वारा किया गया था.

पूर्वोत्तर राज्यों में घुसपैठ की साजिश

उन्‍होंने कहा कि य‍दि सब कुछ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और पाकिस्तान की योजनाओं के अनुसार होता है, तो बहुत जल्द बांग्लादेश व्यावहारिक रूप से पहले की तरह पूर्वी पाकिस्तान बन जाएगा. वहीं, अब बांग्‍लादेश में कट्टरपंथी तत्व एक्टिव होने लगे हैं.

भारत के लिए एक रणनीतिक चुनौती

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के अंबरखाना में पाकिस्तान-गठबंधन जमात तत्वों के एकजुट होने की खबरें सामने आ रही है. ऐसे में यहां से कथित तौर पर आसानी से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में घुसपैठ की जा सकती है. हालांकि भारत ने असम-मेघालय सीमा पर बढ़ती गतिविधि पर नजर रखी हुए है. एक्सपर्ट का मानना ​​है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तालमेल भारत के लिए एक रणनीतिक चुनौती बनता दिख रहा है.

भारत के लिए क्यों बढ़ रही चिंता?

उनका मानना है कि पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा प्रावधानों में ढील ने भारत के लिए दोहरा खतरा पैदा कर दिया है. इससे केवल इस्लामाबाद और ढाका के बीच अधिक खुफिया और सुरक्षा सहयोग ही नहीं होगा, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य भारत को अस्थिर करना है. वहीं, दूसरा पूर्वोत्‍तर राज्यों विशेष रूप से असम में आंतरिक अशांति पैदा करने के उद्देश्य से घुसपैठ और कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए हॉटस्पॉट बन सकते हैं.

इसे भी पढें:-‘कुछ भी हो सकता है’, ईरान-अमेरिका युद्ध की आशंकाओं पर Donald Trump का चौंकाने वाला बयान

Latest News

दिल्ली दंगा मामला: कड़कड़डूमा कोर्ट से उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत

नई दिल्लीः कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश से जुड़े मामले में आरोपी उमर खालिद को सात...

More Articles Like This