Bangladesh: बांग्लादेश में बीते कुछ हफ्तों से चल रहे आरक्षण विरोधी आंदोलन के बाद शेख हसीना से पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद भी बांग्लादेश में दंगा भ्रड़क गया और हिंदुओं को टारगेट किया जाने लगा. बांग्लादेश में हिंसा भड़काने के पीछे पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की खबर सामने आई है. ऐसे में इस मामले को लेकर पाकिस्तान ने सफाई पेश की है. शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा कि इस्लामाबाद किसी भी तरह से बांग्लादेश में हुई हाल की घटनाओं में शामिल नहीं रहा है. यह भी कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा ही बांग्लादेश के लोगों के प्रति मजबूत समर्थन दिया है.
भारत पर लगाया दोष
पाकिस्तानी विदेश विभाग की प्रवक्ता मरियम जहरा बलूच ने पाकिस्तान के दंगा भड़काने में हाथ होने के बयानों को खारिज कर दिया. ऐसे बयान पाकिस्तान के प्रति भारत के परेशान करने वाले जुनून को प्रदर्शित करते हैं. जहरा बलूच ने इन रिपोर्टों को भारत से प्रेरित बताया. बलूच ने कहा कि भारत के राजनीतिक नेताओं और उनके मीडिया को घरेलू और विदेश नीति में अपनी असफलताओं को पाकिस्तान को दोषी ठहराने की आदत है.
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने बांग्लादेश के लोगों के लिए मजबूत समर्थन और उनके साथ एकजुटता व्यक्त की है, क्योंकि वे सामंजस्यपूर्ण भविष्य की दिशा में काम करना जारी रखते हैं। साथ ही बलूच पाकिस्तानी पीएम शहबाज और विदेश मंत्री के मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख चुने जाने पर बधाई का भी जिक्र किया.
पाकिस्तान-बांग्लादेश का सकारात्मक संबंध
मरियम जहरा बलूच ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंधों को सकारात्मक बताया और कहा कि ये पिछले कई सालों से लगातार बढ़ रहे हैं. मरियम ने कहा कि बांग्लादेश में हालिया घटनाक्रमों के संबंध में हमने एक बयान जारी किया है. पाकिस्तान सरकार और यहां लोगों ने बांग्लादेश के लोगों के साथ अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त की है. हम बांग्लादेश को ईमानदारी से शांतिपूर्वक और तेजी से सामान्य स्थिति में लौटने की उम्मीद करते हैं.
हिंसा में आईएसआई की भूमिका
बता दें कि बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शनों में दंगा भ्रड़काने के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने का जिक्र आया था. हिंसा में बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा छात्र शिबिर की अहम रोल था. जमात-ए-इस्लामी की आईएसआई से भूमिका छिपी नहीं हैं. शेख हसीना ने इस्तीफा देने से पहले हिंसा में शामिल होने के चलते जमात को बैन कर दिया था.
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