भारत भागने की फिराक में थे तीन बांग्लादेशी पत्रकार, बॉर्डर पर गिरफ्तार

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh Journalist Arrest: भारत के पड़ोसी मुल्‍क बांग्लादेश में इस समय उथल-पुथल का दौर चल रहा है. बांग्‍लादेश के लोग भारत में लगातार घुसने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सीमा पर बांग्‍लादेशी सेना के जवान मुस्‍तैदी से टिके हुए हैं. इसी बीच पुलिस ने भारत भागने की कोशिश कर रहे तीन पत्रकारों और एक कार ड्राइवर को गिरफ्तार किया है.

धोबौरा सीमा ने पत्रकार गिरफ्तार

गिरफ्तार किए गए पत्रकारों में से दो पत्रकार प्रिंट और टीवी दोनों में अपने काम के लिए देशभर में मशहूर हैं. इन पत्रकारों में से ‘भोरेर कागोज’ के संपादक श्यामल दत्ता और ढाका के सबसे बड़े टीवी चैनलों में से एक ‘एकटूर टीवी’ के प्रबंध निदेशक और मुख्य संपादक मुजम्मिल बाबू शामिल हैं. इन पत्रकारों को पूर्व पीएम शेख हसीना का करीबी माना जाता है. पुलिस का आरोप है कि ये 4 पत्रकार भारत भागने की मंशा से निजी कार से धोबौरा सीमा पर पहुंचे थे.

पहले भीड़ ने पकड़ा

पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए अन्‍य लोगों में एकटूर टीव के रिपोर्टर महबूबुर रहमान और ड्राइवर सलीम शामिल हैं. उन्‍होंने आगे बताया कि इन सभी को 16 सितंबर की सुबह करीब 6 बजे मैमनसिंह जिले के धोबौरा सीमा के जीरो लाइन के पास से गांव के भीड़ ने पकड़ लिया था. इसके बाद पत्रकारों को पुलिस के हवाला कर दिया गया.

स्वतंत्र पत्रकारिता के वादे को कमजोर कर रही कार्रवाई

बांग्लादेश के चैनल समोय टीवी ने बताया कि बाबू और दत्ता पर स्थानीय लोगों ने हमला किया और लूटपाट की. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चारों लोग पुलिस हिरासत में सुरक्षित हैं और उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए ढाका ले जाया गया है. शीर्ष संपादकों का प्रतिनिधित्व करने वाली बांग्लादेश संपादक परिषद ने पत्रकारों के खिलाफ हत्या के मामलों पर गहरी चिंता व्‍यक्‍त की है. कहा है कि इस तरह की कार्रवाई अंतरिम सरकार के स्वतंत्र पत्रकारिता के वादे को कमजोर बनाती है.

शेख हसीना के करीबियों पर हो रही कार्रवाई

बता दें कि बांग्लादेश में पहले भी शेख हसीना से जुड़े अधिकारियों और पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की खबरें आई हैं. हसीना सरकार से जुड़े कई लोग भीड़ से बचने के लिए या तो छिप गए हैं या देश छोड़कर भाग गए हैं. ये पहली बार नहीं है जब शेख हसीना की सरकार से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले बांग्लादेश पुलिस ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के बांग्लादेश लिब्रेशन मूवमेंट के युद्ध अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की वकालत करने वाले एक ग्रुप के शीर्ष नेता शाहरियार कबीर को भी अरेस्‍ट किया है.

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