Bangladesh: बांग्लादेश में मोहम्म यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में जिहादी खुलकर उत्पाद मचा रहे हैं. मदरसा छात्रों के एक ग्रुप ने ढाका में अमर एकुशी पुस्तक मेले में एक स्टॉल पर हमला किया है. हमला उस स्टाल हुआ, जहां तस्लीमा नसरीन द्वारा लिखी गई पुस्तक प्रदर्शित की गई थी. भारत में निर्वासन में रह रही बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तस्लीमा ने ये आरोप लगाया है. पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह घटना नसरीन के प्रकाशक सब्यसाची प्रकाशन के बुक स्टॉल पर हुई.
बुक स्टॉल पर तोड़फोड़
कट्टरपंथियों का एक समुह सब्यसाची प्रकाशन में आया और पहले तो चिल्लाने लगा कि स्टॉल में तस्लीमा नसरीन की पुस्तक क्यों रखी गई है. बाद में प्रकाशक शताब्दी भाव पर लोगों ने हमला कर दिया. उन्होंने स्टॉल पर तोड़फोड़ मचाते हुए तस्लीमा की पुस्तक फेंक दी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बाद में, पुलिस द्वारा प्रकाशक शताब्दी भाव और प्रदर्शनकारियों को मौके से उठाने के बाद स्थिति पर नियंत्रण पाया गया.
पुलिस अधिकारी ने बताया-
पुलिस अधिकारी मसूद आलम ने बताया कि पुस्तक मेले में उपद्रव की सूचना मिलने के बाद अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया. कौमी मदरसा के कुछ छात्रों और सब्यसाची प्रकाशन के प्रकाशक के बीच तनाव के वजह से वहां दहशत का माहौल बन गया था. अधिकारी ने कहा कि हम दोनों पक्षों को पुलिस स्टेशन ले आए हैं. हम तनाव के वजह को जानने की कोशिश कर रहे हैं. अभी स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है.
चरमपंथियों को सपोर्ट कर रही सरकार
बुक स्टॉल पर हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं. इस वीडियो को लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी एक्स पर शेयर किया है. तस्लीमा नसरीन ने लिखा, ‘आज, जिहादी धार्मिक चरमपंथियों ने बांग्लादेश के पुस्तक मेले में प्रकाशक सब्यसाची के स्टॉल पर हमला किया. उनका अपराध मेरी किताब प्रकाशित करना था.
Today, jihadist religious extremists attacked the stall of the publisher Sabyasachi at Bangladesh's book fair. Their "crime" was publishing my book. The book fair authorities and the police from the local station ordered the removal of my book. Even after it was removed, the… pic.twitter.com/ypddpQysiu
— taslima nasreen (@taslimanasreen) February 10, 2025
उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले के अधिकारियों और स्थानीय स्टेशन की पुलिस ने मेरी किताब को हटाने का आदेश दिया. इसे हटाए जाने के बाद भी चरमपंथियों ने स्टॉल पर हमला किया, तोड़फोड़ की और इसे बंद कर दिया. नसरीन आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इन चरमपंथियों का समर्थन कर रही है. जिहादी गतिविधियां पूरे देश में फैल रही हैं. बता दें कि तस्लीमा एक बांग्लादेशी लेखिका, चिकित्सक, नारीवादी, धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ता हैं.
हर साल लगता है पुस्तक मेला
21 फरवरी, 1952 को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) के कुछ वीर सपूतों ने बांग्ला को राज्य की भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उनके बलिदान को याद करने के लिए बांग्ला अकादमी द्वारा एक पुस्तक मेला आयोजित किया जाता है, जिसे अमर एकुशे पुस्तक मेला के नाम से जानते हैं. यह मेला हर साल फरवरी के महीने में लगता है. इसे दक्षिण एशिया के सबसे बड़े पुस्तक मेलों में से माना जाता है. इस मेले का आयोजन बांग्ला अकादमी प्रांगण और ऐतिहासिक सुहरावर्दी उद्यान में किया जाता है.
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