Bangladesh: चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर बवाल! रिहाई की मांग कर रहे हिंदुओं पर भड़का जमात, किया हमला

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh Violence: बांग्लादेश के चटगांव में सोमवार को इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद वहां कर स्थिति और बिगड़ गई है. कृष्णन दास के गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इसी बीच BNP और जमात के कार्यकर्ताओं ने हिंदुओं पर हमला कर दिया, जिसमें 50 से अधि‍क  लोग घायल हुए है.

दरअसल, सोमवार की देर रात मौलवी बाजार में हजारों की संख्या में हिंदुओं ने जय सिया राम और हर हर महादेव के जयकारे लगाते हुए विशाल मशाल रैली निकाली. वहीं, शाहबाग में एक सभा के दौरान चटगांव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कुशाल बरन पर भी हमला हुआ. इस दौरान कई अन्‍य लोग भी जख्‍मी हुए है, जिन्‍हें इलाज के लिए अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है.

मूकदर्शक बने रहे पुलिस और प्रशासन

हैरानी की बात तो ये है कि इन हिंसक घटनाओं के दौरान प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, वो केवल मूकदर्शक बने रहे. वहीं, इन हमलों की सोशल मीडिया पर एक वीडियों भी सामने आई है, जो इसके गंभरता को उजागर करती हैं.

बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने दी तीखी प्रतिक्रिया

बांग्लादेश में हुए इन घटनाओं की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण बताया. साथ ही उन्‍होंने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और तत्काल कदम उठाए. मजूमदार ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर लिखा कि चिन्मय प्रभु बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्षरत थे. ऐसे में उनकी गिरफ्तारी के लिए बांग्लादेश सरकार की तीखी आलोचना की जा रही है.

पुलिस ने गिरफ्तारी को लेकर दी सफाई

बता दें कि बांग्लादेश पुलिस ने सोमवार को ढाका एयरपोर्ट से चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया. पुलिस की जासूसी शाखा के प्रवक्ता रेजाउल करीम का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है. वहीं, आगे की कार्रवाई के लिए चिन्मय दास को संबंधित पुलिस स्टेशन को सौंपा गया.

भारत समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील

हालांकि इन घटनाओं ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में भारत ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील की जा रही है कि वे बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए कदम उठाएं. साथ ही उन्‍होंने इन हमलों और गिरफ्तारी की निंदा करते हुए तत्काल समाधान की मांग की है.

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