Bangladesh: यूरोप तक पहुंचा बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा, नीदरलैंड के नेता ने की कड़ी निंदा

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh:बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ चल रहे हिंसा का मामला अब यूरोप तक पहुच चुका है. ऐसे में नीदरलैंड के राजनेता गीर्ट वाइल्डर्स ने बांग्लादेश में हो रहे हिंसा को भयानक बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. इसके साथ ही उन्‍होंने इसे शीघ्र ही समाप्‍त करने का आह्वान भी किया है.

दरअसल, कुछ हफ्ते पहले बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों को लेकर प्रदर्शन शुरू हुआ था, जिसने अब राजनिहतक हिंसा का रूप ले लिया है. इस दौरान राजधानी ढाका में हिंदू समुदाय के दो नेताओं ने बताया कि हिंदुओं के कई मंदिरों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई. महिलाओं पर भी हमला किया गया.

यूनुस बने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख

ऐसे में ही शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद से इस्‍तीफा देना पड़ा. शेख हसीना के देश छोडने के बाद भी लगाजार हिंसा हो रही है, इसी दौरान दो हिंदू नेताओं समेत कई लोगों की मौत हो गई. मौजूदा समय में बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल के बाद मंगलवार को अंतरिम सरकार का गठन किया गया. इस दौरान नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया, जिसकी ऐलान राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने की.

हिंदुओं के घरों को जला रहे इस्लामिक

आपको बता दें कि इस हिंसा में अब तक 440 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे में बांग्लादेश में हिंसा को लेकर नीदरलैंड्स के नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने कहा कि “बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भयावह है. उन्हें वहां मारा जा रहा है, इस्लामिक भीड़ उनके घरों को जला रहे हैं. इसे तुरंत खत्म करना चाहिए.”

प्रधानमंत्री आवास में घुसे प्रदर्शनकारी

बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद कई प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के आवास गणभवन में घुसे और वहां से सामान लूट कर ले गए. इसके अलावा संसद में भी लूटपाट की गई. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के निजी आवास सुधा सदन में भी आग लगा दी. साथ ही मुख्य न्यायाधीश के आवास में भी तोड़फोड़ की.

बता दें कि प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना भारत आ गईं है. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वह भारत में ही रुकेंगी या किसी अन्य देश में शरण लेंगी वाली है.फिलहाल उन्‍होंने यूएई और सऊदी अरब से शरण मांगी है. वहीं, ब्रिट्रेन और अमेरिका ने उन्‍हें शरण देने से इंकार कर दिया है.

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