Bangladesh Violence: आरक्षण को लेकर बांग्लादेश इन दिनों हिंसा की आग में धधक रहा है. देशभर में छात्रों द्वारा हिंसक प्रदर्शन जारी है. हालात पर काबू पाने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कर्फ्यू लगाने के निर्देश दिए थे. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कर्फ्यू और प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया था. वहीं, अब इस फैसले को लेकर स्पष्टीकरण भी दिया है. उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए गए.
दरअसल, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया था. वहीं, अब पीएम शेख हसीना अपने इस फैसले का बचाव करते हुए मंगलवार को कहा कि लोगों की जान और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए. शेख हसीना द्वारा यह स्पष्टीकरण सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रदर्शनकारियों की एक प्रमुख मांग को स्वीकार करते हुए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा में कटौती करने के एक दिन बाद आई है.
जानिए शेख हसीना ने किसे ठहराया जिम्मेदार?
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बयान में कहा कि पूर्ण बंदी लागू होने और आरक्षण आंदोलन से संबंधित हाल की घटनाओं के कारण पूरे देश के आम लोगों का जीवन और आजीविका प्रभावित हुई है. उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने संगठित तरीके से मेट्रो रेल, एक्सप्रेसवे, सेतु भवन, आपदा प्रबंधन भवन, विभिन्न सरकारी एवं निजी भवनों और घरों में आगजनी और तोड़फोड़ की. शेख हसीना ने हिंसा के लिए मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लामी व उनकी छात्र शाखाओं को जिम्मेदार ठहराया है. हसीना ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जनजीवन को सामान्य स्थिति में लाने के लिए अस्थायी रूप से कर्फ्यू लगाया है.
ज्ञात हो कि बांग्लादेश में युवा सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. इस हिंसक प्रदर्शन में जान-माल को भारी नुकसान हुआ है. हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. जबकि 2500 से अधिक लोग घायल हुए हैं.