मतभेद सुलझ सकते हैं लेकिन 1971 पर मांगनी होगी माफी… बांग्लादेश की पाकिस्तान को दो टूक

Raginee Rai
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Bangladesh: बांग्‍लादेश ने पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍ते बेहतर करने के लिए कई बार कोशिश की है. मोहम्‍मद यूनुस की सरकार में ये कोशिशें एक बार फिर से तेज हो गई है. हालांकि 1971 में पाकिस्‍तान का बंगाली लोगों पर अत्‍याचार रिश्‍तों में बेहतरी की कोशिश में बाधा बनते रहा है.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह पाकिस्तान से अच्छे संबंध के पक्ष में है लेकिन 1971 को दरकिनार नहीं किया जा सकता है. मंगलवार को यूनुस सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान से मतभेदों को दूर किया जा सकता है लेकिन इसके लिए पाकिस्‍तान को 1971 पर बात करने का साहस दिखाना होगा और माफी मांगनी होगी.

पाकिस्तान को मांगनी पड़ेगी माफी

ढाका में विदेश मंत्रालय में इस्लामाबाद से संबंधों से जुड़े एक सवाल के जवाब में हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन यह संदेश देने की कीमत पर नहीं कि 1971 की भयावहता को भुला दिया गया है. 1971 में जो हुआ, उसे हम भूले नहीं है.

हुसैन ने कहा कि दोनों देशों के बेहतर संबंधों का रास्ता आसान होगा, यदि पाकिस्तान की सरकार 1971 में जो हुआ उसका जिक्र करने का साहस दिखाएं. खासतौर से पाकिस्तान 1971 के लिए माफी मांगने का साहस दिखाए. हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से बैठक की थी. ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी. इसका ये बिल्‍कुल भी मतलब नहीं है कि सब कुछ भुला दिया गया है.

पाकिस्तान के सामने उठाएंगे कठिन मुद्दे

सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि ‘शिष्टाचार मुलाकातों के इतर जब हम पाकिस्तान से बातचीत के लिए बैठेंगे तो कठिन मुद्दे उठाएंगे. हमारी सरकार ने किसी भी तरह से यह संकेत नहीं दिया है कि बांग्लादेश 1971 को भूलकर पाकिस्तान से अच्छे रिश्‍ते बनाने का इच्छुक है. हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश की आधिकारिक स्थिति हमेशा यह रही है कि पाकिस्तान को 1971 के युद्ध के दौरान निहत्थे बंगाली भाषी लोगों पर किए गए अत्याचारों के लिए औपचारिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए. इस स्थिति पर हमारी सरकार के स्टैंड में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.

बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने 1970 और 1971 में अलग देश की मांग कर रहे बंगाली लोगों पर भारी जुल्‍म ढाए थे. पाकिस्‍तानी सेना ने बेरहमी से बांग्लादेश में आंदोलन को कुचलने की कोशिश की थी. ऐसे में बांग्लादेश में पाकिस्तान के लिए एक नाराजगी लगातार रही है, जो आज भी व्‍याप्‍त है.

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