Bangladesh: बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने भारत के लिए जहर उगलने वाले पत्रकार मुश्फिकुल फजल अंसारी का कद बढ़ा दिया है. विवादित पत्रकार और एक्टिविस्ट फजल अंसारी को विदेश में अपने मिशनों में से एक के लिए राजदूत नियुक्त किया गया है. हाल ही में जारी नोटिफिकेशन में फजल अंसारी की नियुक्ति की जानकारी दी गई है. फजल अंसारी अपने भारत विरोधी रुख और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ एक दशक लंबा अभियान चलाने के लिए जाने जाते हैं.
अंसारी को मिला तोहफा
बांग्लादेश के लोक प्रशासन मंत्रालय ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए फजल अंसारी की नियुक्ति की पुष्टि की. फजल भारत में तब चर्चा में आए थे, जब मार्च में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर के साथ दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर एक प्रेस वार्ता की थी. फजल को शेख हसीना कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था. एक दशक के निर्वासन के बाद वह 12 सितंबर को बांग्लादेश लौटे. इसके बाद यूनुस सरकार ने उनको नियुक्ति के तौर पर ये गिफ्त दिया है.
तीन साल के अनुबंध पर मिला वरिष्ठ सचिव का दर्जा
फजल को तीन साल के अनुबंध के साथ वरिष्ठ सचिव का दर्जा और विशेषाधिकार दिए गए हैं. मिशन के तहत उन्हें किस देश में भेजा जा रहा है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय जल्द ही उनकी पोस्टिंग के बारे में जानकारी साझा कर सकती है. अंसारी की नियुक्ति ऐसे समय हुई है, जब अंतरिम सरकार ने अमेरिका, रूस और यूएई में अपने राजदूतों की संविदात्मक नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. इन देशों में नए लोगों को भेजा जाएगा.
शेख हसीना के विरोधी है फजल
पत्रकार अंसारी 2001 से 2006 तक पूर्व पीएम खालिदा जिया के सहायक प्रेस सचिव रहे थे, जो बांग्लादेश में शेख हसीना की मुख्य प्रतिद्वन्द्वी हैं. अंसारी बीते लंबे समय से वाशिंगटन स्थित विदेश नीति पत्रिका साउथ एशिया पर्सपेक्टिव्स के कार्यकारी संपादक के तौर पर काम रहे थे. अंसारी संयुक्त राष्ट्र, अमेरिकी विदेश विभाग और पेंटागन को कवर करने वाले जस्टन्यूजबीडी के संपादक और व्हाइट हाउस संवाददाता भी हैं.
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