Bangladesh: बांग्लादेश में बनी अंतरिम सरकार न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी पूर्व पीएम शेख हसीना के समय के नियुक्त हुए अफसरों पर कड़ा एक्शन ले रही है. उसने भारत में अपने उच्चायोग में काम कर रहे दो राजनयिकों को वापस बुला लिया है. बता दें कि यूनुस सरकार ने दोनों राजनयिकों को पद से हटा दिया गया है. ये दो राजनयिक प्रथम सचिव (प्रेस) शबान महमूद और कोलकाता में बांग्लादेशी वाणिज्य दूतावास में प्रथम सचिव (प्रेस) रंजन सेन हैं. दोनों राजनयिकों को 17 अगस्त को ही उनका अनुबंधित कार्यकाल समाप्त होने से पहले पद छोड़कर ढाका लौटने के लिए कहा गया था. इसके बाद दोनों ने अपना पद छोड़ दिया है.
राजनयिकों ने छोड़ा अपना पद
हसीना सरकार गिरने और भारत-बांग्लादेश के संबंधों में तनाव के बीच यूनुस सरकार ने यह कदम उठाया है. इन राजनयिकों को शेख हसीना के कार्यकाल में नियुक्त किया गया था. अंतरिम सरकार से ऑर्डर मिलने के बाद शनिवार को बांग्लादेशी वाणिज्य दूतावास में प्रथम सचिव (प्रेस) रंजन सेन ने अपना पद छोड़ दिया, उनका कार्यकाल 2026 में समाप्त होने वाला था. बांग्लादेश उच्चायोग में प्रथम सचिव (प्रेस) शबन महमूद ने भी कॉन्ट्रैक्ट के खत्म होने से पहले ही अपना पद छोड़ दिया है.
शेख हसीना ने भारत में ली है शरण
मालूम हो कि बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर छात्रों को उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर 5 अगस्त को देश छोड़ दिया था. देश छोड़ने के बाद से शेख हसीना भारत में हैं. वहीं, बांग्लादेश में बनी मोहम्मद यूनुस की सरकार ने हसीना का राजनयिक पासपोर्ट कैंसिल कर दिया है. बांग्लादेश में बीएनपी सहित कई राजनीतिक पार्टियां शेख हसीना की देश वापसी की मांग कर रहे हैं. शेख हसीना के पास रद्द किए गए राजनयिक पासपोर्ट के सिवाय कोई पासपोर्ट नहीं है. राजनयिक पासपोर्ट और संबंधित वीजा विशेषाधिकारों को कैंसिल करने से बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि के कानूनी ढांचे के अंतर्गत शेख हसीना को प्रत्यर्पण का भी सामना करना पड़ सकता है.
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