प्रयागराज के बाद इन राज्यों में परफॉर्म करेंगे बांग्ला कलाकार, भारतीय उच्चायोग का जताया आभार

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladeshi artists: इन दिनों भारत और बांग्लादेश के बीच के रिश्‍तों में काफी खट्टास बनी हुई है. दरअसल, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को पिछले साल अगस्त में अपदस्थ किए जाने के बाद पड़ोसी देश में अशांति पैदा हो गई थी, इसी बीच अल्पसंख्यक हिंदुओं को कथित रूप से निशाना बनाए जाने की कई घटनाएं हुईं.

इन घटनाओं के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच यह आधिकारिक तौर पर पहला सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतीत होता है. दरअसल, बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार ने बांग्लादेशी कलाकारों के समूह को महाकुंभ में प्रस्तुति के लिए आंशिक रूप से प्रायोजित किया. ऐसे में बांग्लादेश से आई छह सदस्यीय नृत्य मंडली ने कुंभ में 13,000 सीट वाले अस्थायी केंद्रीय सांस्कृतिक केंद्र गंगा पंडाल में 10वें भारत अंतरराष्ट्रीय नृत्य और संगीत महोत्सव के उद्घाटन सत्र में शनिवार शाम को प्रस्तुति दी.

लंबे समय से नहीं आ रहे थे बांग्लादेशी कलाकार

यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने संयुक्त रूप से आयोजित किया. दरअसल, आईसीसीआर विदेश मंत्रालय के अधीन काम करता है. वहीं, इससे पहले हुई कई प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रमों, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला 2025 और पिछले साल दिसंबर में 30वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव से बांग्लादेश अनुपस्थित रहा था. हालांकि पहले बांग्लादेश इन कार्यक्रमों में लगातार भाग लेता था.

बांग्‍लादेश की यह नृत्य मंडली 10 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले विदेशी कलाकारों के 107 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रही. इसका नेतृत्व ढाका विश्वविद्यालय के नृत्य विभाग की सहायक प्रोफेसर रेचल प्रियंका पर्सिस ने किया. मंडली ने गौड़िया नृत्य का प्रदर्शन किया, जो धार्मिक कथाओं, कविता और संगीत पर आधारित एक वैष्णव नृत्य शैली है.

छह राज्यों में प्रस्तुति देगी नृत्य मंडली

बांग्‍लादेश की यह नृत्य मंडली 22 और 23 फरवरी को महाकुंभ में अपनी दो दिवसीय प्रस्तुति के बाद गुजरात, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, बिहार, असम और मेघालय में प्रस्तुति देगी, वहीं, इसी महीने के लास्‍ट में दिल्‍ली में उनका आखिरी कार्यक्रम होगा. ऐसे में प्रियंका ने कहा कि ‘‘मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे मानवता के इस सागर के बीच प्रदर्शन करने का मौका मिला. हमें आमंत्रित करने के लिए मैं भारतीय उच्चायोग को धन्यवाद देती हूं. हमें वीजा प्राप्त करने में कोई समस्या नहीं हुई.’’ इस दौरान उन्होंने अपनी टीम के अन्य सदस्यों – मौसमी, लाबोनी, रिनी, रईसा और पिंकी का परिचय दिया.

इन देशों के कलाकार ले रहे भाग

वहीं, अधिकारियों ने बताया कि भारत और बांग्लादेश के अलावा रूस, मंगोलिया, रवांडा, किर्गिस्तान, मालदीव, वियतनाम, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका और फिजी के कलाकार भी इसमें भाग ले रहे हैं. यह कार्यक्रम भारत और कई देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम समझौते (सीईपीए) का हिस्सा था, जिसका मकसद विदेशों में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना और स्थानीय कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय कला एवं संस्कृति से परिचित कराना है.

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