Bangladesh: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की थी, लेकिन नई दिल्ली ने कोई जवाब नहीं दिया. भारत के इस रवैये पर बांग्लादेश की सरकार तिलमिलाई हुई है. अब यूनुस सरकार भारत को गीदड़भभकी दे रही है. बांग्लादेश ने कहा कि पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस लाने के लिए वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप की मांग करेगा.
शेख हसीना को वापस नहीं भेजा तो…
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में कानून मंत्री आसिफ नजरुल ने कहा है कि अगर भारत शेख हसीना को वापस नहीं भेजता है तो यह साफ तौर पर भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि का उल्लंघन होगा. ढाका में एक प्रेस वार्ता के दौरान नजरुल ने कहा कि, बांग्लादेश सरकार ने इस संबंध में भारत सरकार को पत्र भी लिखा है. संधि के मुताबिक, भारत को हर हाल में शेख हसीना को वापस भेजना पड़ेगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो बांग्लादेश का विदेश मंत्रालय इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाकर हस्तक्षेप की मांग करेगा.
अंतरराष्ट्रीय समर्थन की करेंगे मांग
कानून मंत्री ने कहा कि हम जो कुछ भी कर सकते हैं, वह कर रहे हैं. शेख हसीना को वापस लाने के लिए सरकार अपने सभी प्रयासों को जारी रखेगी. अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए इंटरनेशनल समर्थन की भी मांग की जाएगी. मालूम हो कि साल 2024 में हुए विद्रोह के बाद शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा देने के बाद वहां से भारत आ गई थीं. तब से शेख हसीना भारत में ही हैं. उसी समय से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पूर्व पीएम हसीना के प्रत्यर्पण के लिए हर तरह का प्रयास कर रही है. बांग्लादेश लगातार भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग कर रहा है.
भारत सरकार बढ़ा चुकी शेख हसीना की वीजा अवधि
जानकारी दें कि 77 वर्षीय शेख हसीना बीते 5 अगस्त 2024 से भारत में हैं. बांग्लादेश की सरकार ने शेख हसीना के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज किए हैं और इंटरनेशनल कोर्ट में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने शेख हसीना और उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे नेताओं और पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार के आरोप में अरेस्ट वारंट जारी की है. बीते साल ढाका ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए नई दिल्ली को एक राजनयिक नोट भेजा था. वहीं भारत सरकार ने शेख हसीना की वीजा अवधि बढ़ा दी है.
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