नक्शा बदलने वाला है…ट्रंप से मिलने अमेरिका पहुंचे पीएम नेतन्याहू, वाशिंगटन ब्लेयर हाउस में हुआ भव्य स्वागत

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Benjamin Netanyahu: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू डोनाल्‍ड ट्रंप से मिलने के लिए अमेरिका पहुंच चुके है. ऐसे में वाशिंगटन ब्लेयर हाउस में पीएम नेतन्याहू में भव्य स्वागत हुआ. बता दें कि इसे पहले पीएम नेतन्‍याहू ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण के बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप से मिलने वाले वो पहले व्‍यक्ति है. ये इजरायल अमेरिका गठबंधन की मजबूती का प्रमाण होने के साथ ही हमारी व्यक्तिगत मित्रता के सबूत का भी प्रमाण है.

नेतन्याहू का कहना है कि युद्ध में हमने जो निर्णय लिए हैं, उसने पहले ही मध्य पूर्व का चेहरा बदल दिया है. हमारे निर्णय और सैनिकों के साहस ने नक्शे को फिर से परिभाषित किया है. नेतन्याहू ने कहा कि मेरा मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर काम करते हुए हम इसे और भी बेहतर बना सकते हैं और हम सुरक्षा को भी मजबूत कर सकते हैं. इसके अलावा ताकत के माध्‍यम से शांति के एक उल्लेखनीय युग को प्राप्त भी कर सकते हैं.

नक्‍शें बदलने पर भी होगी बात

वहीं, तेल अवीव से वाशिंगटन के लिए रवाना होने से पहले बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि मैं डोनाल्ड ट्रंप से मिलूंगा और ये किसी भी विदेशी मेहमान के साथ ओवल ऑफिस पहुंचने के बाद पहली मुलाकात होगी. इसलिए ये मुलाकात अपने आप में खास हो जाती है. साथ ही उन्‍होने ये भी कहा कि नक्शा बदलने पर भी उनसे बात होगी. हालांकि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए, ग्रीनलैंड को खरीद लेना चाहिए, पनामा कनाल को अमेरिका को सौंप देना चाहिए, इस तरह के बयानों के जरिए पीएम पहले ही नक्‍शें को बदलने की बात कह रहें है.

इजरायल-हमास जंग को लेकर दिया बयान

वहीं, इजरायल और हमास के बीच युद्ध को लेकर उन्‍होंने कहा कि संघर्ष-विराम समझौते के पहले चरण के तहत हमास को कुल 33 बंधकों को रिहा करना है, जिसके बदले में इजरायल लगभग 2,000 फि‍लि‍स्तीनी कैदियों को छोड़ेगा. वहीं, इस समझौते के तहत इजरायली बल युद्धग्रस्त इलाके के ज्यादातर हिस्सों से पीछे हट गए हैं, जिससे हजारों विस्थापित फलस्तीनियों के लिए उत्तरी गाजा में अपने घरों की ओर लौटना संभव हो पाया है.

फिर से शुरू हो सकता है जंग

नेतन्‍याहू ने ये भी कहा कि यदि अमेरिका, कतर और मिस्र इजराइल और हमास के बीच समझौता कराने में नाकाम रहते हैं, तो मार्च में फिर से युद्ध की शुरुआत हो सकती है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप का इजरायल-हमास युद्ध को लेकर क्या रुख है. वह इजरायल के कट्टर समर्थक रहे हैं, लेकिन उन्होंने पश्चिम एशिया में युद्ध समाप्त करवाने का भरोसा दिलाया है और इजराइल-हमास के बीच संघर्ष-विराम समझौता कराने में मदद का श्रेय भी लिया है.

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