फिर शुरू होगा जंग! पीएम नेतन्याहू बोले- संघर्ष विराम की समय सीमा तक लेबनान से सेना को वापस नहीं बुलाएगा इजरायल

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Benjamin netanyahu: इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम पर समझौता तो हो गया है, लेकिन ये शांति कब तक बनी रहेगी इससे लेकर कुछ भी कह पाना काफी मुश्किल है. दरअसल, दोनों देशों के बीच सीजफायर के बाद भी इजरायल और लेबनान की सेनाएं बॉर्डर पर तैनात है. इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल हिजबुल्ला के साथ हुए युद्ध विराम की निर्धारित समय सीमा तक लेबनान से अपनी सभी सेनाओं को वापस नहीं बुलाएगा.

दरअसल, हाल ही में हुए समझौते के तहत इजरायल को रविवार तक लेबनान से अपनी सेना वापस बुला लेनी चाहिए थी. वहीं, हिजबुल्ला के आतंकवादियों को लिटानी नदी के उत्तर में वापस जाना होगा, और लेबनानी सशस्त्र बल संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के साथ दक्षिणी लेबनान में बफर ज़ोन में गश्त करेंगे.

लेबनान की सरकार ने भी नहीं हटाएं हैं सैनिक

पीएम नेतन्याहू का कहना है कि युद्धविराम समझौते के अनुसार सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 60 दिनों के बाद भी जारी रह सकती है. उन्‍होंने कहा कि लेबनान की सरकार ने भी अभी तक पूरी तरह से सैनिकों को वापस नहीं बुलाया है. हालांकि इस मामले को लेकर इजरायल अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है. क्‍योंकि इजरायल और लेबनान के बीच हुए युद्धविराम समझौते की मध्यस्थता अमेरिका ने ही की थी और अब वहीं इस समझौते में विस्तार की वकालत कर रहा है.

एक बार फिर शुरू हो सकती है जंग 

वहीं, लेबनान सरकार का कहना है कि जब तक इजरायल सैनिक पीछे नहीं हटते हैं, तब तक वे अपने सैनिकों को नहीं भेज सकते. वहीं हिजबुल्ला ने भी कहा है कि यदि इजरायल ने समझौते के तहत लेबनान से अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाया तो वो भी इजरायल के खिलाफ फिर से लड़ाई शुरू कर सकते हैं.

हमास के समर्थन में हिजबुल्लाह ने इजरायल पर किया हमला

बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला कर इस जंग की शुरुआत कि थी, जिसके समर्थन में हिजबुल्लाह, लेबनान और ईरान थें. हालांकि इस युद्ध में इजरायल द्वारा किए गए हमले में हिजबुल्ला को बड़ा नुकसान हुआ और इसके सभी शीर्ष नेता मारे गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायली हमले में लेबनान में चार हजार से ज्यादा लोग मारे गए. इनमें सैंकड़ों आम नागरिक भी शामिल हैं. इस लड़ाई के चलते करीब 10 लाख लोग विस्थापित भी हुए.

इसे भी पढें:-US: ट्रंप ने यूक्रेन समेत दुनियाभर के देशों को दिया बड़ा झटका, सभी विदेशी सहायताओं पर लगाई रोक

More Articles Like This

Exit mobile version