Exit Polls 2024: लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव का समापन हो चुका है. 4 जून को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. इससे पहले भारतीय न्यूज एजेंसियों ने एग्जिट पोल निकाला है. जिसमें भारत में किसकी सरकार बनने जा रही है, इसको लेकर भविष्यवाणी की है. जिसमें केंद्र में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनती नजर आ रही है. इस एग्जिट पोल के बाद से पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया सामने आई है.
जानिए एग्जिट पोल के आकड़े
दरअसल, भारत एक्सप्रेस और रोड मैप टू विन के एग्जिट पोल में इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं, कि पीएम मोदी हैट्रिक लगाने जा रहे हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक चार जून को एनडीए के खाते में 345 से 362 सीट तक आ सकती हैं. यानी बीजेपी का प्रदर्शन इस बार पिछली बार से भी बेहतर रहने के आसार हैं. पोल के मुताबिक अकेले बीजेपी को 305 से 312 सीटें तक मिल सकती हैं. वहीं इस बार इंडिया गठबंधन को 126 से 133 सीटें मिल सकती हैं जबकि कांग्रेस को 77 से 81 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है. वहीं, अन्य के खाते में 55 से 65 सीट जा सकती है. यानी कुल मिलाकर एक बार फिर पीएम की कुर्सी मोदी को मिलती दिखाई दे रही है.
मोदी की जीत से घबराया पाकिस्तान
ज्ञात हो कि कल यानी 04 जून को लोकसभा चुनाव-2024 के नतीजे घोषित होंगे. लेकिन इससे पहले एग्जिट पोल की भविष्यवाणी से पाकिस्तान घबरा गया है. बता दें कि नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनता देख पाकिस्तान को डर सताने लगा है कि पीएम मोदी उसके खिलाफ आक्रामक नीति अपनाएंगे. पाकिस्तान के विदेश सचिव अजाज चौधरी ने बताया कि ट्रैक रिकॉर्ड से पता चलता है कि मोदी चुनावी घोषणापत्र को लागू करते हैं. इसलिए, इस बार वह भारत को एक हिंदू राज्य बनाने का प्रयास करेंगे और पाकिस्तान के प्रति आक्रामक नीति अपनाएंगे.
चीन की भी आई प्रतिक्रिया
भारत में एक बार फिर नरेंद्र मोदी को पीएम बनने की भविष्यवाणी के बाद चीन की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. चीन के सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के विभाग के कियान फेंग ने कहा, मोदी भारत के लिए निर्धारित घरेलू और विदेश नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे, जिसमें देश को कुछ वर्षों के भीतर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. वहीं, चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि मोदी की घरेलू और विदेशी नीतियों में निरंतरता बनी रहेगी, क्योंकि उनसे उम्मीद होगी कि वह देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने के अपने प्रयासों पर कायम रहेंगे.