Pakistan: चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने के साथ पाकिस्तान को दोहरा झटका लगा है. आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान के लिए बुरी खबर आई है. खबर देश के टैक्स घाटे से जुड़ी है. मालूम हो कि पाकिस्तान अपनी इकोनॉमी के वजह से पहले से ही परेशान रहता है. देश में दिन-प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है. इसी बीच कर घाटा से जुड़ी एक खबर पाकिस्तान को झटका देने वाली है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान का कर घाटा इस वित्तीय वर्ष के पहले आठ महीनों में बढ़कर ₹606 बिलियन हो गया है. यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ की गई प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बढ़ा रहा है.
आईएमएफ की सख्ती
वहीं, देश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए आईएमएफ ने 7 बिलियन अमरीकी डॉलर का कर्ज तो दिया, लेकिन कर्ज वसूलने की कई शर्तें भी लगाई हैं. पाकिस्तान के संघीय राजस्व बोर्ड (FBR) को जुलाई-फरवरी के ₹7.95 ट्रिलियन के लक्ष्य के तुलना में ₹606 बिलियन की भारी कमी का सामना करना पड़ा है. हालांकि, एफबीआर ने पिछले साल के मुकाबले ₹1.65 ट्रिलियन अधिक एकत्र किए हैं, जो पहली तिमाही में 1 फीसदी से कम की दर से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
विश्व बैंक के संकेत
विश्व बैंक ने ऐलान किया है कि पाकिस्तान में आर्थिक स्थिरता बढ़ रही है. वित्त मंत्रालय की मासिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में पाकिस्तान की उपभोक्ता मुद्रास्फीति स्थिर रहने और पिछले वर्ष के मुकाबले गिरावट जारी रहने की उम्मीद है. मुद्रास्फीति में कमी आई है, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) जनवरी में 2.4 फीसदी दर्ज किया गया. इससे साफ है कि अभी पाकिस्तान की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है. लेकिन अभी भी देश की स्थिति पूरी तरीके से ठीक नहीं है. इकोनॉमी को पटरी पर आने में वक्त लगेगा.
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