HRW रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, तिब्बत में चीन ने साफ कर दिए गांव के गांव

Raginee Rai
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China; HRW Report: आर्थिक रूप से महत्‍वपूर्ण तिब्‍बत के अधिकांश क्षेत्र चीन के कब्‍जे में है. वहीं चीन को लेकर ह्यूमैन राइट्स वॉच (HRW) ने एक रिपोर्ट जारी किया है. एचआरडब्‍ल्‍यू रिपोर्ट में तिब्‍बतियों के साथ हुए जुल्‍म की दास्‍तां सामने आई हैं. रिपोर्ट में चीन को लेकर दावा किया गया है कि इसने 2016 के बाद से 140,000 से अधिक जनसंख्या वाले तिब्बत के 500 गांवों को हटा दिया.

बता दें कि एचआरडब्‍ल्‍यू ने 70 पेज का रिपोर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया कि चीन के अधिकारी लोगों से भ्रामक दावा करते हैं कि यहां से जाने से अच्‍छा रोजगार और ज्यादा आय होगी. चीनी कानून के मुताबिक, जिन लोगों को गांव से स्थानांतरित कर दिया जाता, वे वापस न लौटें इसके लिए उनके घरों को ध्वस्त किया जाता. वहीं, चीन का कहना है कि यह सारी प्रक्रिया तिब्‍बतियों के इच्छा से हुई है. लोगों की इच्छा से ही स्थानांतरण किया गया है.

रिपोर्ट में खुलासा

दरअसल, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्थानांतरित 709,000 लोगों में से 140,000 को पूरे गांव के पुनर्वास अभियान के हिस्से के तौर पर और 567,000 को व्यक्तिगत घरेलू पुनर्वास के हिस्से के तौर पर स्थानांतरित किया गया था. पूरे गांवों को हटा दिया गया और लोगों को सैकड़ों किमी दूर स्थानों पर भेज दिया गया. यह प्रक्रिया 2016 के बाद से और तेज हो गई. वहीं, चीनी अधिकारियों पर तिब्बत की निर्वासित सरकार ने दमनकारी उपायों का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बच्चों को माता-पिता से जबरदस्‍ती अलग कर दिया गया और बोर्डिंग स्कूलों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दी गई.

3.36 मिलियन तिब्बती चीन से परेशान

एनआरडब्‍ल्‍यू ने तर्क दिया कि यह पुनर्वास प्रक्रिया जबरन बेदखली के बराबर है, जो इंटरनेशनल कानून का उल्लंघन करता है. चीनी सरकार स्थानांतरित होने के एक साल के अंदर इन घरों को गिराने की मांग करके लोगों को उनके पहले के घरों में लौटने से रोकती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2000 और 2024 के तक कुल 3.36 मिलियन तिब्बती चीन के इस बर्ताव से प्रभावित हुए.

चीन ने किया खंडन

एचआरडब्‍ल्‍यू की कार्यवाहक चीन निदेशक माया वांग ने कहा कि चीनी सरकार का कहना है कि तिब्बती गांवों का स्थानांतरण उनकी इच्‍छानुसार है, वह इस दावे को नहीं मानती है. वहीं, रिपोर्ट में कहा गया कि चीन के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप ही स्थानांतरण हों, जिसमें बेदखली से पहले सभी संभावित विकल्पों की खोज करना, मुआवजा देना और प्रभावित लोगों को कानूनी उपाय देना शामिल है.

2016 से 76 फीसदी का स्थानांतरण

एचआरडब्‍ल्‍यू ने 2016 और 2023 के बीच प्रकाशित चीन के सरकारी मीडिया में 1,000 से अधिक रिपोर्टों के स्‍टडी के बाद यह खुलासा किया है. आंकड़ा जारी करते हुए संगठन ने बताया कि चीन के अधिकारियों ने साल 2000 और 2024 के बीच 930,000 से अधिक ग्रामीण तिब्बतियों को स्थानांतरित किया है. इनमें से करीब 76 फीसदी का स्थानांतरण साल 2016 से हुआ है.

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