पेंटागन की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, ताइवान पर हमले की तैयारी में जुटी चीनी सेना!

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pentagon Report on China: पेंटागन की एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना गुपचुप तरीके से ताइवान पर हमले की तैयारी में जुटी हुई है. पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सेना 2027 तक सेना के आधुनिकीकरण का लक्ष्य प्राप्‍त करने में जुटी हुई है.

इस योजना के मुताबिक, 2027 के आधुनिकीकरण लक्ष्यों में खुफिया जानकारी, मशीनीकरण और अन्य उपकरणों के एकीकरण में तेजी लाना, इसके साथ ही सैन्य सिद्धांतों, कर्मियों, हथियारों और उपकरणों में आधुनिकीकरण की गति को बढ़ाना शामिल है.

न्यूक्लियर ताकत बढ़ा रहा चीन- पेंटागन

रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए चीन अपनी न्यूक्लियर फोर्स को बढ़ा रहा है. चीन ने अपनी परमाणु शक्ति बढ़ाने में अभूतपूर्व प्रगति की है. चीन ने बीते साल अपने परमाणु भंडार में कम से कम 100 नए वेपन जोड़े हैं और साल 2030 तक इनकी कुल संख्या करीब एक हजार करने का लक्ष्य रखा गया है.

PLA पर बढ़ा शी जिनपिंग का भरोसा!

पेंटागन रिपोर्ट के अनुसार, सेना में फैले भ्रष्टाचार के खुलासों के बाद PLA की रॉकेट फोर्स की क्षमताओं के वजह से राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का PLA में विश्वास बढ़ा है. भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बीच भी पीएलए ने आधुनिकीकरण के लिए अपनी क्षमता में बड़ी प्रगति की है.

इसी वजह से माना जा रहा है कि अगर PLA 2027 के आधुनिकीकरण लक्ष्यों को पूरा कर लेता है तो चीन, PLA को ताइवान पर नियंत्रण हासिल करने के लिए अधिक विश्वसनीय सैन्य उपकरण बना सकता है. दरअसल, चीन की सेना में फैले भ्रष्टाचार की चलते जिनपिंग सरकार ने अपने कई सीनियर अफसर्स को हटा दिया है. इससे 2027 तक सेना के मॉर्डनाइजेशन का जो लक्ष्य रखा था, वह बाधित हो गया है.

ताइवान को लेकर चीन आक्रामक

वहीं, अक्टूबर में प्रकाशित ताइवान के टॉप मिलिट्री थिंक टैंक के किए गए एक सर्वे में कहा गया है कि ज्यादातर ताइवानी मानते हैं कि आगामी 5 साल में चीन के हमले की संभावना नहीं है, लेकिन बीजिंग को वह एक गंभीर खतरे के रूप में देखते हैं, क्योंकि पिछले 5 सालों में चीनी सेना ने ताइवान के आसपास अपनी गतिविधियों को बहुत ज्‍यादा बढ़ा दिया है.

चीन कई मौकों पर ताइवान को लेकर आक्रामक रुख अपना चुका है. इस वजह से माना जा रहा है कि वह अपनी ताकत बढ़ाकर ताइवान पर नियंत्रण पाने के लिए बल प्रयोग कर सकता है.

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