Bilateral Trade between US and India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद से भले ही भारत और अमेरिकी रिश्ते सूर्खियों में बने रहे है, लेकिन अभी भी दोनों देशों के बीच संबंध काफी अच्छे है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि लगातार चौथी बार अमेरिका भारत का नंबर 1 ट्रेड पार्टनर बना है.
दरअसल, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथी बार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा, जिससे दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि इस दौरान चीन के साथ देश का व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 अरब डॉलर हो जाएगा. इस वर्ष चीन को भारत का निर्यात 14.5 प्रतिशत घटकर 14.25 अरब डॉलर रह गया, जो 2023-24 में यह 16.66 अरब डॉलर था. जबकि 2024-25 में आयात 11.52 प्रतिशत बढ़कर 113.45 अरब डॉलर हो गया, जो 2023-24 में यह 101.73 अरब डॉलर था.
चीन के साथ बढ़ा व्यापार घाटा
वित्त वर्ष 2024-25 में चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे के बाद भी 127.7 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ वो भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चीन 2013-14 से 2017-18 और 2020-21 में भी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रह चुका है. इससे पहले, यूएई भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार था. लेकिन 2021-22 से अमेरिका इस सूची में सबसे ऊपर बना हुआ है.
भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार यूएई
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 100.5 अरब डॉलर के व्यापार के साथ 2024-25 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनने का स्थान बनाए रखा. वहीं, अमेरिका के साथ भारत का निर्यात 11.6% बढ़कर 86.51 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो 2023-24 में 77.52 अरब डॉलर था. इसी दौरान अमेरिका से आयात में भी 7.44% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 42.2 अरब डॉलर से बढ़कर 45.33 अरब डॉलर हो गया.
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका के साथ भारत का ट्रेड सरप्लस बढ़कर 41.18 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले साल 35.32 अरब डॉलर था.
भारत से अमेरिका को प्रमुख निर्यात की जाने वाली वस्तुएं
- औषधि निर्माण और जैविक उत्पाद: 8.1 अरब डॉलर
- दूरसंचार उपकरण: 6.5 अरब डॉलर
- कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर: 5.3 अरब डॉलर
- पेट्रोलियम उत्पाद: 4.1 अरब डॉलर
- सोना और अन्य कीमती धातु के आभूषण: 3.2 अरब डॉलर
- सहायक उपकरण सहित सूती तैयार वस्त्र: 2.8 अरब डॉलर
- लोहा और इस्पात के उत्पाद: 2.7 अरब डॉलर
अमेरिका से भारत में आयातित प्रमुख वस्तुएं हैं:
- कच्चा तेल: 4.5 अरब डॉलर
- पेट्रोलियम उत्पाद: 3.6 अरब डॉलर
- कोयला और कोक: 3.4 अरब डॉलर
- पॉलिश किए हुए हीरे: 2.6 अरब डॉलर
- इलेक्ट्रिक मशीनरी: 1.4 अरब डॉलर
- विमान, अंतरिक्ष यान और उसके पुर्जे: 1.3 अरब डॉलर
- सोना: 1.3 अरब डॉलर
जानकारों का मानना है कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार आने वाले वर्षों में और तेज़ी से बढ़ेगा, क्योंकि दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है.
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