Bill Nelson: नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने भारत के मिशन मून चंद्रयान-3 की सफलता पर मुंबई में मीडिया से बात करते हुए इसरो की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत ने कुछ ऐसा कर दिखाया जो किसी और दूसरे देश ने नहीं किया. इसके लिए भारत पूरी तरह से प्रशंसा का पात्र है.
नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा कि ‘भारत को मेरी शुभकामनाएं. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने वाले आप पहले देश हैं. हालांकि हमारे पास भी एक वाणिज्यिक लैंडर है जो अगले साल उतरेगा, लेकिन भारत पहला था. वहीं दूसरे देशों ने भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने की कोशिश की लेकिन वे सभी असफल रहें. आप सफल है और पूरी तरह से प्रशंसा के पात्र हैं.’
Bill Nelson: क्या है एनआईएसएआर?
इसी बीच नेल्सन ने NISAR के बारे में बात करते हुए बताया कि चार अहम वेधशालाओं के साथ 3डी मॉडल भी तैयार किया गया है, जो यह पता लगाएने में मदद करेगा कि पृथ्वी में क्या-क्या हो रहा है. नेल्सन ने बताया कि यह भारत सरकार के साथ एक अहम वेधशाला है. उन्होंने कहा कि यहां चार मुख्य वेधशालाएं हैं. एक बार जब हम पहले से मौजूद 25 अंतरिक्षयानों के साथ चारों वेधशालाओं को ऊपर ले जाएंगे तो हमारे पास पृथ्वी में क्या हो रहा है इसका एक पूरा 3डी डेटा होगा.
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पृथ्वी की सारी जानकारी देगा NISAR
नेल्सन ने कहा कि एनआईएसएआर उनमें से एक प्रमुख वेधशाला है. जो पृथ्वी के सभी सतहों का निरीक्षण करेगा. इसके साथ ही यह जल, थल और बर्फ में हो रहे परिवर्तनों के बारे में बताएगा. उन्होंने कहा कि यह एक अलग तरह का डेटा होगा, जिससे हम जान सकेंगे कि पृथ्वी में क्या-क्या हो रहा है. हालांकि यह मिशन अगले साल के पहले चरण में शुरू होगा. जिसके लिए भारतीय स्पेस एजेंसी द्वारा रॉकेट प्रदान किया जाएगा और उसके बाद हम साथ में अंतरिक्षयान का निर्माण करेंगे.
NISAR 12 दिन में दो बार स्कैन करेंगा भूमि
आपको बता दें कि NISAR नासा और इसरो का संयुक्त अभियान है और जब यह अपने कक्ष में होगा तो इसका रडार सिस्टम 12 दिनों में दो बार लगातार सभी भूमि और बर्फ की सतहों को स्कैन करेगा. नाशा प्रमुख कहा कि वो एक बार फिर चंद्रमा पर जाएंगे और इस दौरान उनके साथ उनके अंतरराष्ट्रीय साझेदार होंगे.