Birth Rate Crisis in China: ‘जैसी करनी, वैसी भरनी’… ये कहावत चीन पर एकदम फिट बैठती है. दरअसल, एक दौर ऐसा था जब चीनी सरकार ने देश में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए एक बच्चे के जन्म की नीति लागू कर दिया था. चीन के इस फैसले के बाद वहां की महिलाओं ने विरोध भी किया था, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही. वहीं, अब चीन पर एक ऐसा गजब का संकट मंडरा रहा है कि सरकार महिलाओं से ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए गिड़गिड़ा रही है.
चीन पर मंडरा रहा जन्मदर संकट
दरअसल, शी जिनपिंग के देश चीन में जन्मदर संकट मंडरा रहा है. यहां अब महिलाएं सरकार की बनाई गई जन्म नियंत्रण नीती को पूरी तरह से अपना चुकी हैं. इसके अलावा गुजरते दौर के हिसाब से लोग एक या दो से ज्यादा बच्चे नहीं पैदा करना चाहते हैं. वहीं, कुछ महिलाएं अपनी आजादी भरी जिंदगी जीने के लिए बच्चे पैदा करने के लिए अनिच्छुक हैं. ऐसे में चीन में जन्मदर लगातार घटते ही जा रहा है, जो चीन के लिए चिंता का विषय बन चुका है.
महिलाओं को किया जा रहा है फोन
देश में बिगड़ते हालात को देखते हुए चीनी सरकार एक अभियान चला रहा है. इस अभियान के तहत महिला सरकारी अधिकारी ऐसी महिलाओं की पहचान कर रही है, जो 40 वर्ष से कम की हैं. इसके बाद उन महिलाओं को फोन किया जा रहा है और उन्हें ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की जा रही है. उदाहरण के तौर पर, चीन के अधिकारी ने एक महिला को फोन किया और उनसे उनका नाम और उनका पद पूछा गया. इसके साथ ही अधिकारी ने महिला के गर्भवती होने और उनके मासिक धर्म के बारे में भी पूछा.
जन्मदर संकट से उभरने के लिए नीति तैयार करेगा चीन
इस संकट से निपटने के लिए चीनी सरकार नई नीति तैयार करने वाली है. चीनी सरकार ये जानना चाहती है कि आखिर महिलाएं ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए अनिच्छुक क्यों है. 17 अक्टूबर को चीन के जनसंख्या और विकास अनुसंधान केंद्र ने घोषणा की कि वह “विवाह और प्रजनन क्षमता और प्रमुख प्रभावशाली कारकों पर विचारों पर नए डेटा प्राप्त करने” के लिए एक राष्ट्रव्यापी सर्वे आयोजित करेगा.