Japan Breeding Visa: दुनिया के कई देश बढ़ती आबादी की समस्या का सामना कर रहे हैं. इस मामले में भारत शीर्ष पर है. हालांकि एक देश ऐसा भी है जहां कम आबादी होने के बावजूद, वहां कई समस्या पैदा हो रही है, जैसे की वहां कि आबादी तेजी से बूढ़ी होती जा रही है. काम करने लायक लोग नहीं मिल पा रहे हैं. इसी बीच खबर आई है कि कम जनसंख्या वाले इस देश ने इस कमी से निपटने के लिए अपने वीजा नियमों में बड़ा बदलाव किया है. आइए जानते हैं ये देश कौन सा है और वीजा नियमों में क्या बदलाव किया है.
विदेशी पुरुष आएं जापान और…
दरअसल जापान में काम करने लायक जवान लोगों की खासी किल्लत हो गई है. इस समस्या से निपटने के लिए जापान ने अपने वीजा नियमों में बड़ा बदलाव किया है. सोशल मीडिया पर लोग इसे ब्रीडिंग वीजा कह रहे हैं. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि जापान आओ और बच्चे पैदा करो… इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक जैसे तमाम सोशल मीडिया मंच पर कई लोग इसे शेयर कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं अब विदेशी पुरुष जापान जाएं और वहां की आबादी बढ़ाने में मदद करें. हालांकि यह दावा पूरी तरह से गलत है. जापान की न्यूज एजेंसी क्योडो न्यूज के मुताबिक, ब्रीडिंग वीजा जैसी कोई पॉलिसी नहीं हैं.
वीजा नियम में किया गया बदलाव
जापान ने फॉर्नर्स वर्किंग वीजा के नियमों में बदलाव जरूर किया है, लेकिन इसका उद्देश्य कामगारों की संख्या बढ़ाना है, न कि अपनी आबादी को. दरअसल जापानी न्यूज एजेंसी क्योडो न्यूज ने इस साल अप्रैल में कहा था कि जापान ने अपने विदेशी कर्मचारी वीजा कार्यक्रम का विस्तार किया है. साथ ही जापानी सरकार का लक्ष्य देश में कामगारों की कमी को पूरा करने के लिए पांच वर्ष तक का विस्तारित प्रवास देना है.
यहां से शुरू हुई ब्रीडिंग वीजा की चर्चा
अब चूंकि इसकी जानकारी 1 अप्रैल यानी फूल्स डे के दिन मिली थी, तो एक जापानी समाचार वेबसाइट सोरा न्यूज 24 ने मजाकिया अंदाज में वीजा नियम पर खबर बनाते हुए इसे ब्रीडिंग वीजा का नाम दे दिया. यहीं से मजाक के रूप में कहे गए इस झूठ के पंख लग गए, जो अब सितंबर आने तक दुनियाभर के सोशल मीडिया आसमान में उड़ता नजर आ रहा है. वैसे जापान में हाल के वर्षों में विदेशी श्रमिकों की मांग में बहुत वृद्धि हुई है. इसके कई वजह हैं, लेकिन इनमें से प्रमुख कारण जन्मदर में बहुत ज्यादा गिरावट है. ऐसे में जापानी सरकार इस साल अप्रैल से लेकर अगले पांच वित्तीय वर्षों में कुशल श्रमिक वीजा कार्यक्रम के अंतर्गत 820,000 विदेशियों को देश में प्रवेश देने का इरादा रखती है.
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