BRICS देशों के व्यापार में स्थानीय मुद्राओं के इस्तेमाल पर जोर, नया कोटा फॉर्मूला अपनाने का भी आह्वान

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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BRICS: रूस के निजनी नोवगोरोड में सोमवार को ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की एक बैठक हुई, जिसमें उन्‍होंने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के इस्‍तेमाल को बढ़ाने के साथ ही कई अहम मुद्दों पर चर्चाएं की. ब्रिक्स देशों का मनना है कि वैश्विक वित्तीय संरचना के सुधार की आवश्यकता है. इसके साथ ही इन देशों ने नियम आधारित खुले एवं पारदर्शी वैश्विक व्यापार के लिए प्रतिबद्धता भी जताई.

नेताओं को रिपोर्ट करने का काम

आपको बता दें कि ब्रिक्स, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का संक्षिप्त रूप है. संयुक्त बयान के मुताबिक, ‘ब्रिक्स देशों ने जोहानिसबर्ग द्वितीय घोषणापत्र के पैराग्राफ 45 का भी जिक्र किया, जिसमें उनके वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों को स्थानीय मुद्राओं, भुगतान उपकरणों और मंचों के मुद्दे पर विचार करने और ब्रिक्स नेताओं को रिपोर्ट करने का काम सौंपा गया है.’

BRICS: इन मांगों को भी दोहराया

इतना ही नहीं, विदेश मंत्रियों ने बैठक में सीओपी27 में की गई मांग को भी दोहराया कि यह गारंटी दी जाए कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान सुधार में वित्तपोषण के दायरे का विस्तार करने और संसाधनों तक आसान पहुंच को सुविधाजनक बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी. मंत्रियों का अनुमान है कि 2025 इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट शेयरधारक समीक्षा एक बड़ी सफलता होगी.

नया कोटा फॉर्मूला अपनाने पर जोर

विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर हुई ब्रिक्स मंत्रियों की बैठक के अंत में एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें एक मजबूत वैश्विक वित्तीय सुरक्षा आवरण पर जोर दिया गया, जिसके केंद्र में कोटा-आधारित और पर्याप्त संसाधनों वाला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) हो.

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