Britain Parliament: इस दिनों ब्रिटेन की संसद एक अजीबोगरीब कानून पर वोटिंग को लेकर चर्चा में बनी हुई है. इस कानून के तहत लोगों को स्वेच्छा से मरने का अधिकार मिल सकेगा. ऐसे में इस कानून को यूके का “असिस्टेड डाइंग बिल” नाम दिया गया है. इस बिल को लेकर संसद में एक ओर जहां पक्ष में वोट मिले वहीं, वहीं, विपक्ष में भी काफी लोग खड़े है.
वहीं, ब्रिटेन की जनता भी इस बिल के समर्थन में है, जिसके लिए वो सड़को पर भी निकले है. जनता भी स्वेच्छा से मरने का अधिकार मांग रही है. ऐसे में सवाल ये है कि यहां के लोग मरना क्यों चाहते है.
इन लोगों के लिए लागू होगा कानून
बता दें कि यह कानून सभी लोगों के लिए लागू नहीं होगा. यह सिर्फ उन लोगों के लिए लागू किया जा रहा है, जो लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रस्त होंगे, जो लाइलाज है और उनके जीने के बचे दिन भयानक कष्टों में ही गुजरने वाले हैं. ऐसे लोगों को यह कानून मरने का अधिकार देगा. हालांकि इस कानून में ये भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी को कोई घातक दवा लेने के लिए मजबूर करता है या उसे मरने को कहता है तो उसे 14 साल की जेल की सजा हो सकती है.
कीर स्टार्मर और ऋषि सुनक ने भी पक्ष में दिया वोट
संसद में वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और पूर्व पीएम ऋषि सुनक ने भी इस विधेयक के पक्ष में ही मतदान किया. हालांकि टर्मिनली इल एडल्ट्स (जीवन का अंत) विधेयक के कानून बनने से पहले हाउस ऑफ लॉर्ड्स द्वारा संशोधन की एक लंबी प्रक्रिया से गुजर सकता है, क्योंकि इस विधेयक के पक्ष में 330 वोट, जबकि विपक्ष में 275 वोट मिले.
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