Britain Terrorist: ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक अंजेम चौधरी को जिहाद के नाम पर युवाओं को हिंसा के लिए भड़काने और आतंकवादी संगठन को निर्देशित करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. दरअसल, अंजेम चौधरी अपने नफरती भाषणों के द्वारा लोगों को उकसाने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था. वहीं, पिछले हफ्ते ही 57 साल के अंजेम चौधरी को अल-मुहाजिरौन (एएलएम) को निर्देशित करने के लिए दोषी ठहराया गया था. जबकि एएलएम पर करीब 10 साल पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया था.
न्यायाधीश मार्क वॉल ने ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक के लिए आजीवन कारावास की सजा का ऐलान किया,जिसकी न्यूनतम अवधि 28 साल होगी इससे पहले उन्हें कोई पेरोल भी नहीं मिल सकेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंजेम चौधरी का संगठन एक इस्लामिक कट्टरपंथी समूह था. इस संगठन का मकसद पूरी दुनिया में जितना हो सके हिंसक तरीकों को अपनाकर शरिया कानून लागू करना था.
सुरक्षा एजेंसियों ने बिछाया जाल
दरअसल, अंजेम चौधरी ब्रिटेन के सबसे खतरनाक आंतकियों में से एक था, यह लंबे समय से अल-मुहाजिरॉन के लिए काम कर रहा था. इतना ही नहीं ये उत्तरी अमेरिका में अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में लगा था, जिसके जड़ तक पहुंचने के लिए देश की सुरक्षा एजेंसियों ने जाल बिछाया था.
सीरिया में कर चुका है काम
बता दें कि ब्रिटेन में साल 1990 के दशक के अंत में ये आतंकी संगठन अल-मुहाजिरॉन उभरा था, जिसपर दर्जनों आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के आरोप है. वहीं इस संगठन से जुड़े आतंकी ब्रिटेन के अलावा अन्य देशों में भी अपनी गितविधियों को जारी रखते थे, जबकि अंजेम चौधरी शुरुआती दिनों से ही अल-मुहाजिरॉन के प्रमुख सदस्यों में से रहा है, इसने इस संगठन के संस्थापक के जेल जाने के बाद अपने इसकी कमान अपने हाथ में ले ली थी.
हालांकि इससे पहले अंजेम चौधरी सीरिया में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों का समर्थन करने के लिए लोगों को प्रेरित करता था, जिसके लिए उसे पहले ही 5 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. वहीं, जेल से बाहर आने के बाद अंजेम चौधरी दोबारा से आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया था.
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