भारतीय बाघों के स्वागत के लिए तैयार कंबोडिया, किए गए सुरक्षा के खासा इंतजाम

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Cambodia: कंबोडिया में बाघों की संख्‍या बढ़ाने के लिए भारत अपने चार बाघ वहां भेजेगा. इस बात की जानकारी कंबोडिया के राजदूत ने दी. उन्‍होंने बताया कि उनके देश में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम होगा. दरअसल, कंबोडिया के सूखे जंगलों में कभी इंडोनेशियाई बाघों की भरमार हुआ करती थी. लेकिन शिकारियों ने बाघों और उनके भोजन के लिए उपलब्ध जानवरों को बहुत हद तक खत्म कर दिया.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में पिछली बार साल 2007 में बाघ देखा गया था. वहीं, 2016 में कंबोडियाई जंगलों से उन्हें विलुप्त घोषित कर दिया गया था. वहीं, अब एक बार फिर भारत से बाघ लाकर उनकी आबादी को दोबारा बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. बता दें कि इन दोनों देशों के बाघों को लेकर यह समझौता 2022 में ही हुआ था.

कार्डामम वर्षावन में रखें जाएंगे बाघ

सूत्रों के मुताबिक, कंबोडियां में भारत से जो बाघ जाएंगे उन्हें जंगल में छोड़ने से पहले कार्डामम वर्षावन में बने 222 एकड़ के एक संरक्षित क्षेत्र में रखा जाएगा, जिससे वे नए मौसम के अनुकूल ढल सकें. हालांकि इसके लिए कई महीनों से तैयारी की जा रही है. इसी बीच वहां करीब 400 कैमरे लगाए गए हैं, जिनका मकसद बाघ के शिकार के लिए उपलब्ध जानवरों की निगरानी करना है.

साल के आखिर तक आगमन

जानकारी के मुताबिक, भारत से एक नर और तीन मादा बाघ भेजे जाएंगे.  भारत की राजदूत देवयानी खोबरागड़े ने बताया कि बाघों को भेजने से पहले भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बाघों के लिए समुचित शिकार उपलब्ध हो और उनके शिकार हो जाने की कोई संभावना ना हो.

बाघों के स्थानांतरण का दुनिया में पहला मामला

ऐसे में कंबोडिया ने बताया कि जैसे ही मॉनसून की बारिश कम होती है तो उनके शिकार के लिए जानवर आ जाएंगे, ये बाघ यहां पहुंच जाएंगे. ऐसे में नवंबर या दिसंबर से पहले ऐसा होने की उम्‍मीद है. वहीं, खोबरागड़े ने कहा कि यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो बाघों के स्थानांतरण का यह दुनिया में पहला मामला होगा. उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक परियोजना है.”

बाघों की सुरक्षा के इंतजाम

बाघों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कई इंतजाम किए हैं. कंबोडिया के पर्यावरण मंत्रालय और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था की प्रमुख सुवाना गॉन्टलेट ने बताया कि वहां सुरक्षा के लिए 16 रेंजर तैनात किए गए हैं. इतना ही नहीं, बाघों की निगरानी के लिए एक केंद्र, शिकार के लिए उपलब्ध जानवरों के लिए एक सुरंग और क्षेत्र के लिए पानी का स्रोत भी बनाया गया है. वहीं, बाघों और आसपास के गांवों की सुरक्षा के लिए इन मेहमान जानवरों को मॉनिटरिंग टैग्स लगाए जाएंगे.

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